
18 साल पुराने चर्चित उपहार सिनेमा अग्निकांड मामले में सीबीआई और पीड़ितों की तरफ से दायर पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया है. जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने गोपाल अंसल को 1 साल की सजा सुनाई है. कोर्ट ने गोपाल अंसल को 4 सप्ताह के भीतर समर्पण करने को कहा है. गौरतलब है कि गोपाल अंसल सुशील अंसल के छोटे भाई हैं. गोपाल अंसल पहले ही 4 महीने 20 दिन जेल में बिता चुके हैं. अब 1 साल में बचे हुए 7 महीने 10 दिन भी उन्हें जेल में काटने पड़ेंगे. कोर्ट ने साफ किया है कि जो फायदा सुशील अंसल को मिला वह गोपाल अंसल को नहीं मिल सकता.
कोर्ट के अनुसार व्यापक जनहित में सुनाई सजा
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि कोई भी जुर्माना अपूर्णीय नुकसान को नहीं भर सकता. व्यापक जनहित को ध्यान में रखते हुए गोपाल अंसल को सजा देनी चाहिए. जितना गंभीर ये मामला है उसको देखते हुए 60 करोड़ का जुर्माना ज्यादा नहीं है.
कोर्ट के पिछले फैसले में अंसल बंधु बराबर सजायाफ्ता थे
सुप्रीम कोर्ट ने अपने पिछले फैसले में समानता के आधार पर अंसल बंधुओं को बराबर की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने सुशील और गोपाल के जेल में काटे दिनों को पर्याप्त सजा मानते हुए 30-30 करोड़ मुआवजा पीड़ितों को देने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने ज्यादा उम्र और खराब स्वास्थ्य के आधार पर सुशील अंसल को राहत दे दी थी.
सुशील अंसल की सजा बढ़ाने से सुप्रीम कोर्ट का इंकार
अब सुशील अंसल की सजा बढ़ाने से सुप्रीम कोर्ट ने इंकार कर दिया है. सीबीआई ने अपनी पुनर्विचार याचिका में कहा था कि कोर्ट में उसे अपना पक्ष रखने का पर्याप्त मौका नहीं मिला इसलिए न्याय नहीं हुआ. इस आधार पर सीबीआई ने मांग की थी कि फैसले पर दोबारा विचार किया जाए.
क्या था पूरा मामला?
गौरतलब है कि 13 जून 1997 के रोज दिल्ली के ग्रीन पार्क इलाके में स्थित उपहार सिनेमा में 'बॉर्डर' फिल्म के प्रदर्शन के दौरान आग लग गई थी. इस हादसे में 59 लोगों की मौत हुई और 100 से अधिक लोग घायल हो गए थे. पिछले साल अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाया था. उद्योगपति अंसल बंधुओं को इस फैसले से बड़ी राहत मिली थी. सुप्रीम कोर्ट ने दोनों भाईयों को तीन महीने के भीतर 30-30 करोड़ का जुर्माना अदा करने का निर्देश दिया था. जिसके बाद अंसल बंधुओ ने रकम जमा कर दिया है.