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CAA के समर्थन और विरोध में 140 से ज्यादा याचिकाएं, SC कल करेगा सुनवाई

सुनवाई करने वाली बेंच में चीफ जस्टिस बोबडे, जस्टिस अब्दुल नजीर, जस्टिस संजीव खन्ना शामिल होंगे. सुप्रीम कोर्ट पूर्व में कह चुका है कि नागरिकता संशोधन कानून की वैधता पर सवाल उठाने वालों की याचिका पर तभी सुनवाई होगी जब इसके खिलाफ हिंसक घटनाएं बंद होंगी.

चीफ जस्टिस की बेंच करेगी सुनवाई (सांकेतिक फोटो-ANI) चीफ जस्टिस की बेंच करेगी सुनवाई (सांकेतिक फोटो-ANI)
अनीषा माथुर
  • नई दिल्ली,
  • 21 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 11:11 PM IST

  • 141 याचिकाएं सीएए के खिलाफ दायर हुई हैं
  • एक याचिका समर्थन में, एक केंद्र ने दायर की

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध और समर्थन में सुप्रीम कोर्ट में 140 से ज्यादा याचिकाएं दायर की गई हैं. कोर्ट अब बुधवार को इसपर सुनवाई करेगा. चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस अब्दुल नजीर, जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच इन याचिकाओं पर सुनवाई करेगी.

बता दें, नागरिकता संशोधन कानून पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए 144 याचिकाएं सूचित की गई हैं. इनमें से 141 याचिकाएं इस कानून के खिलाफ दायर हुई हैं. एक याचिका समर्थन में और एक केंद्र सरकार की याचिका है. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर देश के अलग-अलग हाई कोर्ट में लंबित सीएए के खिलाफ दाखिल याचिकाओं को सुप्रीम कॉर्ट में ट्रांसफर करने की मांग की है. शीर्ष अदालत बुधवार को इस पर विचार करेगी.

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इन याचिकाओं में कुछ ऐसी भी हैं जिन्हें सीएए के विरोध में उपजी हिंसा के दौरान दाखिल किया गया था. उस वक्त सुप्रीम कोर्ट ने कहा था इन याचिकाओं पर सुनवाई तभी होगी जब देश के अलग-अलग हिस्सों में हिंसक घटनाएं बंद हों. चीफ जस्टिस एसए बोबडे की बेंच ने कहा था कि प्रदर्शन के दौरान पहले ही बहुत ज्यादा हिंसा हुई है. उनकी बेंच में जस्टिस बीआर गवई और सूर्यकांत भी शामिल थे.

अपनी एक याचिका में केंद्र सरकार भी सुप्रीम कोर्ट से आग्रह कर चुकी है. सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसीटर जनरल जी. मेहता ने कहा था कि देश के अलग-अलग हाईकोर्ट के विचार अलग हो सकते हैं जिससे भविष्य में समस्या आ सकती है. उन्होंने मांग उठाई कि इसे देखते हुए सभी मामलों की सुनवाई एक साथ की जाए. अब 22 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट इस मामले में सुनवाई करेगा.

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