SC के फैसले से आडवाणी-उमा-जोशी समेत कई बड़े नेताओं को राहत

इस मसले पर पिछले काफी समय से सुनवाई जारी थी. कोर्ट ने पहले ही अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था, अब पांच जजों की पीठ ने मंगलवार को फैसला सुनाया.

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लालकृष्ण आडवाणी, उमा भारती, मुरली मनोहर जोशी (फाइल फोटो) लालकृष्ण आडवाणी, उमा भारती, मुरली मनोहर जोशी (फाइल फोटो)

मोहित ग्रोवर

  • नई दिल्ली,
  • 25 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 12:05 PM IST

आरोपों का सामना कर रहे नेताओं के चुनाव लड़ने पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बड़ा फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने चार्जशीटेड नेताओं के चुनाव लड़ने से रोक लगाने से इनकार कर दिया है. कोर्ट का कहना है कि इस मामले पर संसद को ही कानून बनाना चाहिए. कोर्ट के इस फैसले से मौजूदा दौर के कई बड़े नेताओं को राहत मिली है. इन नेताओं में बीजेपी के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी भी शामिल हैं. ये वे नेता हैं जिनके खिलाफ किसी न किसी मामले में आरोपपत्र दाखिल हो चुका है लेकिन कोर्ट का फैसला नहीं आया है.

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किन बड़े नेताओं को राहत...

> लालकृष्ण आडवाणी, बीजेपी

> मृरली मनोहर जोशी, बीजेपी

> उमा भारती, बीजेपी

> महेश गिरी, बीजेपी

> पी. करुणाकरन, सीपीएम

> पी. के. श्रीमथी, सीपीएम

> पप्पू यादव, जन अधिकार लोकतांत्रिक पार्टी

अयोध्या में बाबरी मस्ज़िद गिराए जाने के मामले में लखनऊ की सीबीआई अदालत के आदेश के बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती पर आपराधिक मुकदमा चला था.

SC ने दागी नेताओं को दी राहत लेकिन शर्तें भी रखीं, फैसले की 10 अहम बातें

आपराधिक मामलों के बारे में बड़ी बातें...

> 1765 सांसद-विधायकों पर कुल 3045 आपराधिक केस

> 541 में से कुल 53 सांसदों के खिलाफ आपराधिक केस

> 23 पहली बार के सांसदों पर मामले दर्ज

> उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा दागी नेता

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कोर्ट ने क्या दिया है फैसला?

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा कि चार्जशीट के आधार पर जनप्रतिनिधियों पर कार्रवाई नहीं की जा सकती है. चुनाव लड़ने से रोकने के लिए सिर्फ चार्जशीट ही काफी नहीं है.

कोर्ट ने कहा है कि हर नेता को अपने आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी चुनाव लड़ने से पहले चुनाव आयोग को देनी चाहिए. कोर्ट ने कहा है कि इस मसले संसद को कानून बनाना चाहिए.

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