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अगली सरकार गठबंधन की होगी, एनडीए में सुनी जाए साथियों की बात: अकाली दल

गुजराल ने कहा कि तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) एनडीए छोड़कर जा चुकी है. समय आ गया है कि गठबंधन के साथी दलों की बात सुनी जाए और उनकी समस्याओं को दूर किया जाए. इससे आपसी तालमेल बढ़ेगा और एनडीए मज़बूत होगा. सभी साथी दलों की अपनी समस्याएं होती हैं.

नरेश गुजराल नरेश गुजराल
हिमांशु मिश्रा/वरुण शैलेश
  • नई दिल्ली,
  • 16 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 9:06 PM IST

शिरोमणि अकाली दल के सांसद नरेश गुजराल ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस और बीजेपी को इस मुगालते में नहीं रहना चाहिए कि 2019 वे अकेले अपने दम पर सरकार बना लेंगे. केंद्र में अगली सरकार गठबंधन की होगी.  

गुजराल ने कहा कि तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) एनडीए छोड़कर जा चुकी है. समय आ गया है कि गठबंधन के साथी दलों की बात सुनी जाए और उनकी समस्याओं को दूर किया जाए. इससे आपसी तालमेल बढ़ेगा और एनडीए मज़बूत होगा. सभी साथी दलों की अपनी समस्याएं होती हैं.

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अकाली दल के नेता ने कहा, अभी भी टीडीपी से बात की जानी चाहिए. मैं टीडीपी की मांग से सहमत हूं. क्योंकि संसद में एक सरकार ने वादा किया था तो दूसरी सरकार को उस वादे को पूरा करना चाहिए. उन्होंने कहा, अगर 14वें वित्त आयोग ने आंध्र प्रदेश की विशेष राज्य का दर्जा नहीं देने की सिफारिश की है तो सरकार चाहे तो उसे न माने और उसे इस सिफारिश को 15वें वित्त आयोग को भेज देना चाहिए. सिफारिश की समीक्षा की जानी चाहिए.

गुजराल ने कहा कि चंद्रबाबू नायडू को अपने राज्य में राजनीतिक मांग को भी रेखांकित करना है. ये नहीं हो सकता हैं कि वो केंद्र सरकार में भी रहे और उनकी मांग को लेकर यहां कोई रुचि ही न दिखाए. उन्होंने कहा, समय आ गया है कि साथी दलों को तवज्जो दी जाए. उनकी बातों को सुना जाए क्योंकि सबकी अपनी राजनीतिक मजबूरियां और ज़रूरतें हैं. सहयोगी दलों की अनदेखी से एनडीए को 2019 में नुकसान होगा.

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गुजराल ने कहा कि मैं पिछले तीन साल से कह रहा हूं कि ये एनडीए पिछले एनडीए जैसा काम नहीं कर रहा है. अटल बिहारी वाजपेयी की बात ही कुछ और थी. ये सरकार आर्थिक मुद्दों पर चुन कर आई थी. पीएम नरेंद्र मोदी ने आर्थिक मुद्दों पर कई कड़े फैसले लिए हैं, लेकिन बीजेपी के कुछ नेताओं ने राम मंदिर, गौ हत्या जैसे कई मुद्दे लाकर सरकार को एजेंडे से भटका दिया है.

गुजराल ने कहा कि सरकार को एक बार फिर आर्थिक एजेंडे पर आना चाहिए. सहयोगियों की समस्या को भी दूर करना होगा, जिससे एनडीए मजबूत हो और आगे बढ़े. बीजेपी को सभी साथी दलों का सम्मान करना चाहिए.

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