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राजनीति की जड़ों से जुड़े थे बलराम जाखड़, जानिए उनसे जुड़ी 10 खास बातें

डॉ. बलराम जाखड़ ने बुधवार को दिल्ली में आखिरी सांस ली. जमीन और मुद्दों की जड़ों से जुड़े डॉ. जाखड़ के जीवन से जुड़ी 10 खास बातें:

डॉ. जाखड़ ने दिल्ली में आखिरी सांस ली डॉ. जाखड़ ने दिल्ली में आखिरी सांस ली
केशव कुमार
  • नई दिल्ली,
  • 03 फरवरी 2016,
  • अपडेटेड 11:59 AM IST

भारतीय राजनीतिक जगत में अपनी पैठ और खास पहचान रखने वाले डॉ. बलराम जाखड़ ने बुधवार को दिल्ली में आखिरी सांस ली. जमीन और मुद्दों की जड़ों से जुड़े डॉ. जाखड़ के जीवन से जुड़ी 10 खास बातें:

1. उनका जन्म 23 अगस्त 1923 को तत्कालीन पंजाब में फाजिल्का (अब अबोहर) जिले के पंचकोसी गांव में हुआ था. वह जाखड़ वंश के जाट परिवार में पैदा हुए थे. उनके पिता का नाम चौधरी राजाराम जाखड़ और मां का नाम पातोदेवी जाखड़ था.
2. बलराम जाखड़ ने 1945 में फोरमैन क्रिश्चियन कॉलेज, लाहौर (अब पाकिस्तान) से संस्कृत में डिग्री प्राप्त की. इसके अलावा उन्हें अंग्रेजी, हिंदी, उर्दू और पंजाबी भाषा का भी अच्छा ज्ञान था.
3. साल 1972 में विधानसभा में चयनित होने के साथ बलराम जाखड़ के राजनैतिक जीवन की शुरूआत हुई. 1977 में दोबारा जीत दर्ज करने के बाद उन्हें नेता विपक्ष का पद मिला.
4. फिरोजपुर संसदीय क्षेत्र से साल 1980 में सातवीं लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद बलराम जाखड़ को लोकसभा अध्यक्ष बनाया गया. अगली बार आठवीं लोकसभा चुनावों में भी वह सीकर संसदीय क्षेत्र से चुनकर आए.

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5. साल 1980 से 1989 तक लोकसभा अध्यक्ष रहने के दौरान उन्होंने लोकसभा की लाइब्रेरी विकसित की और रिसर्च को बढ़ावा दिया. पार्लियामेंट से जुड़ी चीजों का म्यूजियम, तथ्यों का कंप्यूटराइजेशन, मशीनों का ऑटोमेशन वगैरह करवाने में उनकी बड़ी भूमिका रही.
6. डॉ. बलराम जाखड़ एशियाई मूल के पहले ऐसे व्यक्ति थे, जिन्हें राष्ट्रमंडल सांसद कार्यकारी फोरम के सभापति के रूप में चयनित किया गया.
7. 1991 में बलराम जाखड़ केंद्रीय कृषि मंत्री भी बनाए गए. इसके अलावा वह 30 जून, 2022 से 30 मई, 2009 तक मध्य प्रदेश के राज्यपाल के रूप में भी एक सफल कार्यकाल पूरा कर चुके थे.
8. पेशे से कृषक और बागवानी करने के शौकीन रहे बलराम जाखड़ पीपुल, पार्लियामेंट और एडमिनिस्ट्रेशन नाम की एक किताब के लेखक भी रहे.
9. वर्ष 1975 में बागवानी की प्रक्रिया को सशक्त बनाने के कारण भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति ने बलराम जाखड़ को उद्यान पंडित की उपाधि से नवाजा था. इसके अलावा कई यूनिवर्सिटी ने भी उन्हें कृषि जगत में योगदान के लिए सम्मानित किया था.
10. डॉ. बलराम जाखड़ के दोनों बेटे राजनीति में शामिल हुए. बड़े बेटे सज्जन कुमार जाखड़ पंजाब के पूर्व मंत्री हैं. दूसरे बेटे सुरिंदर कुमार जाखड़ की गोली लगने से 17 जनवरी 2011 को फिरोजपुर में मौत हो गई.

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