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जयललिता से भी बड़ी जीत दर्ज कर बोले दिनाकरण- गुंडों के कब्जे में AIADMK

दिनाकरण को 89 हजार 13 मत मिले जबकि मधुसूदनन को 48 हजार 306 वोट मिले. द्रमुक के एन मरुथु गणेश 24 हजार 651 मत पाकर तीसरे स्थान पर रहे.  उनकी जमानत तक जब्त हो गई. उनके अतिरिक्त भाजपा प्रत्याशी समेत 57 अन्य की भी जमानत जब्त हो गई.

जयललिता और टीटीवी दिनाकरण (फाइल फोटो) जयललिता और टीटीवी दिनाकरण (फाइल फोटो)
राहुल विश्वकर्मा
  • चेन्नई,
  • 24 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 10:29 PM IST

जयललिता की मौत के बाद खाली हुई तमिलनाडु की आरके नगर विधानसभा सीट पर उपचुनाव में टीटीवी दिनाकरण भारी मतों से विजयी हुए हैं. दिनाकरण जीत के मामले में जयललिता से भी आगे निकल गए हैं. 2016 में हुए चुनाव में जयललिता जहां 39 हजार 545 मतों से जीती थीं, वहीं दिनाकरण उससे भी ज्यादा 40707 वोटों से जीते हैं.

द्रमुक की जमानत तक हो गई जब्त

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दिनाकरण को 89 हजार 13 मत मिले जबकि मधुसूदनन को 48 हजार 306 वोट मिले. द्रमुक के एन मरुथु गणेश 24 हजार 651 मत पाकर तीसरे स्थान पर रहे.  उनकी जमानत तक जब्त हो गई. उनके अतिरिक्त भाजपा प्रत्याशी समेत 57 अन्य की भी जमानत जब्त हो गई.

जीत के बाद बोले दिनाकरण- गुंडों के कब्जे में AIADMK

जीत के बाद दिनाकरण ने कहा कि ये हम सबकी जीत है. तमिलनाडु की मौजूदा सरकार 2 महीने में गिर जाएगी. जयललिताका दो पत्ती सिंबल (AIADMK का चुनाव चिह्न) जीत का प्रतीक है. लेकिन अब यह गुंडों के कब्जे में है, वो कैसे जीत सकते हैं.

निर्दलीय चुनाव लड़ते हुए लिया बदला

जेल में बंद वी के शशिकला के भतीजे दिनाकरण ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी अन्नाद्रमुक के ई मधुसूदनन को 40 हजार 707 मतों के अंतर से हराया. इस सीट पर 21 दिसंबर को मतदान हुआ था. दिनाकरण को अन्नाद्रमुक से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था. इसके बाद उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ते हुए इसका बदला लिया. उनका चुनाव चिह्न प्रेशर कुकर था. चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी और उप मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम के नेतृत्व वाले धड़े को ‘दो पत्तियां’ वाला चुनाव चिह्न आवंटित किया था.

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जयललिता की मौत के बाद खाली हुई थी सीट

पिछले साल दिसंबर में जयललिता की मौत के बाद यह सीट खाली हो गई थी. तमिलनाडु की तत्कालीन मुख्यमंत्री जयललिता उत्तर चेन्नई में आरके नगर सीट से विधानसभा के लिये निर्वाचित हुई थीं. दिनाकरण और शशिकला को पद से हटाने के बाद इस साल अगस्त में पलानीस्वामी और पनीरसेल्वम के नेतृत्व वाले अन्नाद्रमुक के धड़ों का विलय हो गया था. शशिकला भ्रष्टाचार के एक मामले में बेंगलूरु की एक जेल में चार साल के कारावास की सजा काट रही हैं.

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