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आसनसोल-रानीगंज हिंसाः पुलिस ने केंद्रीय मंत्री बाबुल को क्षेत्र में जाने से रोका

रानीगंज में रामनवमी की एक रैली को लेकर रविवार और सोमवार को दो समूहों के बीच हुई झड़प के बाद इलाके में इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया और सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगा दी गई है. पुलिस ने बताया कि कल रात से इलाके में हिंसा की कोई खबर नहीं मिली है और स्थिति 'नियंत्रण' में है.

केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो (फाइल फोटो) केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 30 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 12:26 AM IST

केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो और पश्चिम बंगाल भाजपा के एक वरिष्ठ नेता को पुलिस ने बृहस्पतिवार को आसनसोल-रानीगंज इलाके में जाने से रोक दिया. क्षेत्र में रामनवमी के जुलूस को लेकर शुरू हुई हिंसा के बाद स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है.

रानीगंज में रामनवमी की एक रैली को लेकर रविवार और सोमवार को दो समूहों के बीच हुई झड़प के बाद इलाके में इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया और सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगा दी गई है. पुलिस ने बताया कि कल रात से इलाके में हिंसा की कोई खबर नहीं मिली है और स्थिति 'नियंत्रण' में है.

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दूसरी ओर, बाबुल सुप्रियो ने कुछ पुलिसवालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया है. उन्होंने कहा, 'मेरे साथ अभद्र व्यवहार करने वाले पुलिस वालों के खिलाफ मैंने भी एफआईआर दर्ज करवाया है.' वहीं उनके के खिलाफ धारा 144 का उल्लंघन करने और आईपीएस अधिकारी के साथ मारपीट करने के आरोप में एफआईआर दर्ज कराया गया है.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दिल्ली से लौटने के बाद सचिवालय में एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई, जिसमें राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव, डीजीपी और एडीजीपी (कानून- व्यवस्था) ने बैठक में हिस्सा लिया. मुख्यमंत्री ममता ने आसनसोल-रानीगंज इलाके में हुई हिंसा को लेकर किसी तरह की कोई टिप्पणी नहीं की है.

सांसद को जाने से रोका

इससे पहले पुलिस ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए भारी उद्योग और लोक उपक्रम राज्य मंत्री और आसनसोल से सांसद बाबुल सुप्रियो की कार को पश्चिम बर्धमान जिले के रेलपुर इलाके में प्रवेश नहीं करने दिया. कुछ स्थानीय लोगों ने केंद्रीय मंत्री के खिलाफ कथित रूप से नारेबाजी की और उनसे तत्काल इलाका छोड़ने की मांग की.

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स्थानीय टीवी चैनलों ने उन्हें पुलिसकर्मियों के साथ बहस करते हुए दिखाया है, जिन्होंने उनके वाहन को घेर रखा था. पुलिस ने पश्चिम बंगाल भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष लॉकेट चटर्जी को भी दुर्गापुर में रोक लिया. वह भी रानीगंज जा रही थीं. खुद को रोके जाने से नाराज विरोधस्वरूप वह वहीं धरने पर बैठ गईं.

सुप्रियो ने दावा किया कि केवल केंद्रीय बलों की तैनाती के जरिये इलाके में शांति बहाल की जा सकती है और स्थानीय लोगों का पुलिस पर विश्वास नहीं रह गया है.

शांति भंग कर रही है बीजेपी

मंत्री ने कहा, 'जन प्रतिनिधि होने के नाते मुझे अपने संसदीय क्षेत्र में जाने का पूरा हक है और खासकर ऐसे समय जब लोग दिक्कत में हैं. यह मेरा कर्तव्य है, लेकिन पुलिस कह रही है कि मुझे इसकी अनुमति नहीं दी जाएगी क्योंकि इलाके में धारा144 लागू है. मंत्री होने के नाते मैं नियमों का उल्लंघन नहीं कर सकता.' सुप्रियो ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह को घटना की पूरी जानकारी देंगे.

दोनों घटनाओं के बारे में पश्चिम बंगाल के संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी ने आरोप लगाया कि बीजेपी सूबे में सांप्रदायिक सद्भाव और शांति भंग करने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा, 'जब इलाके में पुलिस गश्त कर रही है तो वे रानीगंज क्यों जाना चाहते हैं? क्या वे पिछले दो दिनों की हिंसा से संतुष्ट नहीं हैं.'

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