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Exclusive: उरी में आर्मी कैंप पर 15 अगस्त को थी हमले की प्लानिंग, सेना ने की थी कोशिश नाकाम

'इंडिया टुडे' को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक सेना के आला सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है. सूत्रों के मुताबिक पहले यह हमला 15 अगस्त को उस वक्त होना था जब पीएम मोदी लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित कर रहे थे.

उरी आतंकी हमले में 18 जवान हुए शहीद उरी आतंकी हमले में 18 जवान हुए शहीद
प्रियंका झा/अशरफ वानी
  • श्रीनगर,
  • 23 सितंबर 2016,
  • अपडेटेड 10:29 AM IST

बीते हफ्ते जम्मू-कश्मीर के उरी में आतंकियों की प्लानिंग पहले 15 अगस्त को हमला करने की थी लेकिन पाकिस्तान से आए फिदायीन स्कवॉड को भारतीय सेना ने LoC पर ही मार गिराया था. इसके बाद आतंकी संगठन जैश ने 18 सितंबर को दोबारा फिदायीन स्कवॉड भेजा, जिसने हमले को अंजाम दिया.

'इंडिया टुडे' को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक सेना के आला सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है. सूत्रों के मुताबिक पहले यह हमला 15 अगस्त को उस वक्त होना था जब पीएम मोदी लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित कर रहे थे. लेकिन भारतीय सेना ने उस वक्त फिदायीन स्कवॉड के सभी चार सदस्यों को मार गिराया था. ये कार्रवाई उरी के मयन इलाके में की गई थी.

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16 सितंबर को भेजा दूसरा स्कवॉड
पहली कोशिश नाकाम होने के बाद आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने फिदायीन हमलावरों का दूसरा स्कवॉड 16 सितंबर की रात भेजा. ताकि उरी आर्मी ब्रिगेड पर हमला किया जा सके. यह समूह घुसपैठ करने में कामयाब रहा और 18 सितंबर को सुबह तकरीबन 4 बजे हमला कर दिया.

सेना के जवानों जैसे दिख रहे थे आतंकी
सेना के अफसर ने 'इंडिया टुडे' को यह भी बताया कि दूसरे फिदायीन स्कवॉड में जो आतंकी आए थे, वे दिखने में सेना के जवानों से थे. उनका हेयर कट बिल्कुल जवानों सा था, साथ ही वे बिना दाढ़ी के थे. इसकी वजह से स्थानीय लोगों को उन पर शक भी नहीं हुआ.

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