
अब नोटों का तकिया लगाने का आपका सपना साकार हो सकता है. अहमदाबाद के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन (NID) के छात्रों ने अपनी क्रिएटिविटी से 500 और 1000 के नोटों के कबाड़ से घर में इस्तेमाल होने वाली कई अनूठी चीजें बनाई हैं.
पीएम मोदी द्वारा अचानक 500 और 1000 के नोट बंद करने के बाद तमाम लोगों ने ऐसे पुराने नोटों को बैंकों में जमा करवाया और वहां से यह नोट रिजर्व बैंक के पास पहुंच गए. बताया जाता है कि 500 और 1000 रुपये के करीब 14 लाख करोड़ मूल्य के नोट बैंकों के जरिए रिजर्व बैंक के पास पहुंचे हैं. नोटबंदी के बाद सबके मन में यही सवाल यही था कि अब इन नोटों का क्या होगा? आरबीआई ने अब इन पुराने नोटों को नष्ट करने के बाद उनके कबाड़ के इस्तेमाल के लिए अहमदाबाद के एनआईडी से मदद मांगी है.
दरअसल एनआईडी के छात्र अपनी क्रिएटिविटी के लिये जाने जाते हैं. इन छात्रों के पास 500 और 1000 के नोटों का जो स्क्रैप आया है, वह बारीक टुकड़ों में है. ये छात्र अब इन बारीक टुकड़ों से घर में इस्तेमाल होने वाली चीजें बना रहे हैं. किसी छात्र ने इससे नाइट लैंप बनाया है तो किसी ने इससे टेबल टॉप...किसी ने तो इससे कुशन पिलो (तकिया) ही बना दिया है. हर छात्र अपने विचार और प्लानिग के हिसाब से अलग-अलग चीज बना रहा है. 'वेस्ट से बेस्ट' कैसे बनाया जाए यह कोई इन छात्रों से सीखे...
छात्रों का कहना है कि नोटबंदी के बाद ये नोट किसी काम के नहीं हैं, ऐसे में हम इसे वो वैल्यू देने का प्रयास कर रहे हैं, जो इनकी कीमत बढ़ा देता है. एनआईडी के प्रोफेसर प्रवीण सिंह सोलंकी का कहना है कि इस स्क्रैप के इस्तेमाल के जरिए स्टूडेंट प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान को भी अपना समर्थन दे रहे हैं, क्योंकि इतनी बड़ी तादाद में जो नोट रद्द हुए हैं, उनसे घर में इस्तेमाल होने वाली चीजें बन रहीं हैं.
दिलचस्प बात यह है कि ये नोट ऐसे मटीरीयल से तैयार हुए हैं जो न तो जल्दी पानी में गलता है और न ही इस का रंग छूटता है. ऐसे में इनसे लंबे वक्त तक चलने वाली चीजें आसानी से बनाई जा सकती हैं. एनआईडी अब इन स्क्रैप नोट के लिए प्रतिस्पर्धा का भी आयोजन करने वाली है, ताकि इनके इस्तेमाल करने के नए-नए तरीके छात्र ढूंढ़ पाएं.