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शनिवार को ईडी के सामने पेश नहीं होंगे माल्या, 36 घंटे में जारी होगा तीसरा समन

इससे पहले माल्या 18 मार्च को ईडी के समक्ष पेश होने वाले थे, लेकिन तब भी उन्होंने पेश होने में असमर्थता जताई थी.

विजय माल्या विजय माल्या
स्‍वपनल सोनल
  • नई दिल्ली,
  • 01 अप्रैल 2016,
  • अपडेटेड 12:34 AM IST

भारतीय बैंकों से 9000 करोड़ का कर्ज लेकर विदेश भाग गए किंगफिशर के मालिक विजय माल्या शनिवार को ईडी के सामने पेश नहीं होंगे. न्यूज एजेंसी पीटीआई की खबर के मुताबिक, माल्या ने प्रवर्तन निदेशालय से कहा है कि वह मुंबई में 2 अप्रैल को पेशी नहीं हो पाएंगे. यही नहीं, उन्होंने पेशी के लिए मई तक का विस्तार मांगा है.

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बता दें कि इससे पहले माल्या 18 मार्च को ईडी के समक्ष पेश होने वाले थे, लेकिन तब भी उन्होंने पेश होने में असमर्थता जताई थी. इसके बाद ईडी ने विजय माल्या को दो अप्रैल के पेश होने का आदेश दिया था. उन पर मनी लॉड्रिंग के मामले में ये नोटिस जारी किया गया.

ईडी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, माल्या को अब तीसरा समन भेजा जाएगा. एक शीर्ष अधि‍कारी ने बताया, 'माल्या को अगले 36 घंटों में नई तारीख के साथ तीसरा समन भेजा जाएगा. हम सभी उपलब्ध विकल्पों पर विचार कर रहे हैं. यह तीसरा समन या हमारा अगला एक्शन प्लान हो सकता है.' उन्होंने आगे कहा कि माल्या ने बैकों को 4000 रुपये लौटाने का प्रस्ताव दिया है. मामला सुप्रीम कोर्ट में है, लिहाजा उनके खिलाफ तत्काल या अगले हफ्ते तक कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती. लेकिन ईडी शनिवार को सभी विकल्पों पर गौर करेगी.

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माल्या ने दिया था सहयोग का आश्वासन
ईडी ने मार्च में पेशी को लेकर आदेश जारी करते हुए कहा था, 'जो कुछ भी हुआ है उसे उजागर कर सामने लाया जाएगा. इस बात की भी जांच की जाएगी कि किन शर्तों पर लोन की इतनी बड़ी रकम दी गई. विजय माल्या ने पूरे सहयोग का आश्वासन दिया है. हालांकि माल्या ने तब भी इस बात का भरोसा नहीं दिया कि वे 2 अप्रैल को अदालत में पेश होंगे.'

माल्या ने रखा कर्ज लौटाने का प्रस्ताव
गौरतलब है कि विजय माल्या ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में बैंकों का कर्ज लौटाने का प्रस्ताव रखा है. माल्या ने कहा कि वह बैंकों से लिया हुआ पैसा वापस करेंगे. माल्या के वकील ने कोर्ट में कहा कि उनके मुवक्कि‍ल सितंबर तक 4000 करोड़ रुपये वापस करने के लिए तैयार हैं. माल्या की ओर से दिए गए प्रस्ताव पर बैंकों ने विचार के लिए सुप्रीम कोर्ट से समय मांगा है. कोर्ट ने बैंकों को एक हफ्ते में जवाब देने को कहा है.

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