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Viral Test: तो ये है मोदी की मिर्जापुर रैली में मुस्लिम महिलाओं के समर्थन की असलियत!

उत्तर प्रदेश की रैली में BJP का नाम हिंदी अंग्रेजी या उर्दू में नहीं लिखकर किसी और भाषा में लिखा जाए इसकी संभावना बहुत कम है. इसीलिए हमने इस फोटो की खोज करनी शुरू की.

मुस्लिम महिलाओं के समर्थन की वायरल फोटो मुस्लिम महिलाओं के समर्थन की वायरल फोटो
सना जैदी/बालकृष्ण
  • नई दिल्ली,
  • 16 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 10:42 PM IST

कहते हैं एक फोटो हज़ार शब्दों के बराबर होती है! लगता है अगर किसी ने इस कहावत को सबसे ठीक से समझा है, तो वो हैं फर्जी ख़बर चलाने वाले लोग.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को पूर्वी उत्तर प्रदेश में तीन जगहों पर रैली की, जिसमें मिर्जापुर भी शामिल है. मिर्जापुर रैली की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल की जा रही है, जिसमें यह दिख रहा है कि मुस्लिम महिलाएं आगे की पंक्ति में बैठकर मोदी के लिए जोश के साथ नारे लगा रही हैं. सोशल मीडिया पर बीजेपी के हजारों समर्थक इस फोटो के दम पर यह दावा कर रहे हैं कि मोदी की लोकप्रियता अब मुस्लिम महिलाओं के भी सर चढ़कर बोल रही है.

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यह बात किसी से छिपी नहीं है कि बीजेपी, मुस्लिम महिलाओं का दिल जीतकर अल्पसंख्यकों के वोटबैंक में बंटवारे की लगातार कोशिश कर रही है. मामला चाहे शरिया अदालतों का हो, हलाला का या फिर तीन तलाक का. बीजेपी लगातार यह संदेश देने की कोशिश कर रही है कि सिर्फ वही एक ऐसी पार्टी है जो मुस्लिम महिलाओं के हितों को लेकर चिंतित है.

पूर्वी उत्तर प्रदेश के दौरे में अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजमगढ़ में सवाल भी उठाया था कि क्या मुस्लिमों के पार्टी होने का दावा करने वाली कांग्रेस क्या सिर्फ मुस्लिम मर्दों की ही पार्टी है? जिस फोटो के दम पर मिर्जापुर के रैली में मुस्लिम महिलाओं का समर्थन दिखाने की कोशिश की गई है हमने उसका वायरल टेस्ट करने का फैसला किया.

फोटो में बुर्का पहने तीन महिलाएं जोश में नारे लगाते हुए दिख रही हैं, जिनके गले में बीजेपी के निशान वाला गमछा है. फोटो को बहुत ध्यान से देखने पर पता चलता है कि उस में बाईं तरफ बीजेपी का एक बैनर भी दिख रहा है. लेकिन उसमें कमल निशान के साथ बीजेपी शब्द हिंदी, अंग्रेजी या उर्दू में नहीं में नहीं बल्कि किसी और भाषा में लिखा हुआ है.

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उत्तर प्रदेश की रैली में BJP का नाम हिंदी अंग्रेजी या उर्दू में नहीं लिखकर किसी और भाषा में लिखा जाए इसकी संभावना बहुत कम है. इसीलिए हमने इस फोटो की खोज करनी शुरू की.

यह फोटो कहां से आई किस बात की खोज करते हुए हमें एक ऐसी तस्वीर मिली जिसको देखकर यह साफ है कि इसी तस्वीर से काटकर सिर्फ मुस्लिम महिलाओं की कि भागीदारी दिखाने वाला फोटो को बनाया गया है.

इस बड़ी फोटो को देखकर यह बात साफ हो जाती है कि इस रैली में बुर्का पहने तीन महिलाओं के अलावा दूसरे तमाम लोग भी बैठे हुए हैं लेकिन खास मकसद से फोटो को क्रॉप करके ऐसी तस्वीर निकाली गई है जिससे सिर्फ मुस्लिम महिलाओं वाली बात सामने आए.

यह फोटो दरअसल कर्नाटक चुनाव के दौरान मोदी की एक रैली का है जिसे 9 मई को लिया गया था. पोस्टर पर कन्नड भाषा में “बीजेपी” लिखा हुआ है.

कर्नाटक विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान मोदी ने 9 मई को बंगारपेट, चिकमंगलूर और बेलगावी भी में तीन सभाएं की थीं. मोदी ने उसके बाद खुद अपने ट्विटर से कई तस्वीरें शेयर की थीं, जिनमें से एक तस्वीर यह भी थी. उसके बाद कई दूसरे लोगों ने भी इसे शेयर किया था.

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कर्नाटक चुनाव के दौरान खुद मोदी द्वारा ट्वीट की गई पुरानी फोटो को राजनीतिक मकसद से यूपी का बताकर भ्रम फैलाया जा रहा है. फोटो असली है और रैली भी मोदी की ही है. लेकिन ये उत्तर प्रदेश नहीं कर्नाटक ही है और फोटो पुरानी है.

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