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राहुल के संसदीय क्षेत्र अमेठी की सड़क क्या इतनी खराब कि लोग धान बोने लगे? जानिए सच

क्या आपने किसी शख्स को सड़क पर धान बोते देखा है?  ऐसी ही एक तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही है और उसमें दिखाई गई सड़क को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र अमेठी की सड़क बताया जा रहा है.

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीर
मोनिका गुप्ता/खुशदीप सहगल
  • नई दिल्ली,
  • 20 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 6:26 PM IST

क्या आपने किसी शख्स को सड़क पर धान बोते देखा है?  ऐसी ही एक तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही है और उसमें दिखाई गई सड़क को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र अमेठी की सड़क बताया जा रहा है.

इंटरनेट पर इस तस्वीर के फैलना शुरू होने के साथ ही इंडिया टुडे की फैक्ट चैक टीम ने इसकी सच्चाई जानने के लिए पड़ताल की.

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तस्वीर के साथ शीर्षक ये दिया गया था- ‘कभी आओ तो अमेठी’. थोड़े ही वक्त में तस्वीर को सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर 5,000 से ज्यादा बार शेयर किया जा चुका था. 

क्या ये तस्वीर असल में अमेठी की ही थी? तो इसका जवाब नहीं है. इस तस्वीर को उत्तराखंड न्यूज़ नेटवर्क नाम के न्यूज पोर्टल के 16 जुलाई 2015 को प्रकाशित आर्टिकल से उठाया गया. पोर्टल का लेख में दावा था कि ये उत्तराखंड के धारचूला कस्बे की तस्वीर है जहां सड़क की खराब हालत को लेकर अनोखा विरोध प्रदर्शन किया गया था. पोर्टल के मुताबिक गली-सड़कों पर कीचड़ की भरमार और जगह-जगह पानी भरा होने से परेशान एक शख्स ने धारचूला के बलवाकोट की सड़क पर धान के पौधे बोना शुरू कर दिया.  

इंडिया टुडे की फैक्ट चैक टीम ने पोर्टल के दावे की पड़ताल करने के लिए उत्तराखंड में स्थानीय अधिकारियों से संपर्क किया. इसके बाद साफ हुआ कि ये तस्वीर धारचूला की भी नहीं है जैसा कि पोर्टल ने दावा किया था. हकीकत में ये तस्वीर अल्मोड़ा जिले के चौखुटिया-मासी रोड की है. वहीं के एक स्थानीय नागरिक पप्पू सत्ती, जो खुद इस अनोखे विरोध प्रदर्शन का हिस्सा रहे, ने इंडिया टुडे को बताया, हमने धान के पौधे विरोध जताने के लिए सड़क पर लगाए थे क्योंकि मेरे क्षेत्र में सही मायने में सड़कें मौजूद ही नहीं हैं. जिस सड़क की ये तस्वीर है वो पानी में पूरी तरह बह गई थी. अधिकारियों का ध्यान खींचने के लिए धान के पौधे लगाए गए.     

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2015 में उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार थी और हरीश रावत प्रदेश के मुख्यमंत्री थे. उस विरोध प्रदर्शन के बाद क्षेत्र में सड़क निर्माण शुरू हुआ. सड़क निर्माण पूरा होने के बाद रावत खुद भी क्षेत्र में आए थे. ग्रामीणों ने उस वक्त निर्माणाधीन सड़क की तस्वीरें भी हमारे साथ शेयर की.   

वायरल टेस्ट से साफ हुआ कि तस्वीर सही है लेकिन उसके साथ जिस जगह की इसके होने का दावा किया गया, वो गलत था. तस्वीर उत्तर प्रदेश के अमेठी की नहीं बल्कि उत्तराखंड के अल्मोड़ा की है.

अगर आप किसी वायरल संदेश, तस्वीर या वीडियो का फैक्ट चैक चाहते हैं तो उसे viralfact@aajtak.com पर भेजिए.

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