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विकीलीक्स का खुलासा- 2006 के बिल से सोनिया-कांग्रेस ने की थी बांग्लादेशी घुसपैठियों की मदद

बता दें कि एनआरसी की जारी दूसरी लिस्ट में 2 करोड़ 89 लाख 83 हजार 677 लोगों को वैध नागरिक मान लिया गया है. जबकि इसके लिए 3,29,91,384 लोगों ने आवेदन किया था, जिसमें 40,07,707 लोगों को अवैध माना गया. इस तरह से 40 लाख से ज्यादा लोगों को बेघर होना पड़ेगा.

यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी (फाइल फोटो) यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी (फाइल फोटो)
मोहित ग्रोवर
  • नई दिल्ली,
  • 03 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 1:15 PM IST

नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (NRC) के मुद्दे पर देश में गर्म राजनीति के बीच विकीलीक्स ने एक नया खुलासा किया है. विकीलीक्स के नए खुलासे में यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी और कांग्रेस पर निशाना साधा गया है. खुलासे में कांग्रेस पर बांग्लादेशी घुसपैठियों का साथ देने का आरोप लगाया गया है.

खुलासे में कहा गया कि 2006 में जो कानून लाया गया था, उसके तहत असम में रह रहे बांग्लादेशियों को विदेशी साबित करने की जिम्मेदारी प्रशासन की थी. बता दें कि इसी से जुड़े IMDT कानून को 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक करार दिया था.

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जिसके बाद कांग्रेस ने 2006 में नए कानून को पेश किया था. विकीलीक्स ने आरोप लगाया है कि मुस्लिम वोटों को अपने पक्ष में करने के लिए तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपील की थी कि उनकी सरकार अप्रवासियों के कानून को बदलने पर विचार कर सकती है.

विकीलीक्स के खुलासे में लिखा गया है कि कांग्रेस को डर था कि उसके हाथ से मुस्लिम वोट खिसक रहे हैं जिसको देखते हुए ये अपील की गई थी. लिखा गया है कि मुस्लिम कांग्रेस का वोटबैंक रहा है और उनका रुख बांग्लादेशी प्रवासियों के हक में रहा है.

गौरतलब है कि असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (NRC) का आंकड़ा जारी होने के बाद देश की राजनीति गर्मा गई है. सड़क से लेकर संसद तक इस मुद्दे पर तीखी बहस हो रही है.

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अभी तक क्या रहा है कांग्रेस का रुख

बता दें कि इस मुद्दे पर कांग्रेस मोदी सरकार पर निशाना साध रही है. कांग्रेस की ओर से कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा कि भाजपा और केंद्र सरकार को राष्ट्रहित एवं एकता के इस मुद्दे पर जिम्मेदाराना बर्ताव करना चाहिए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक बड़ी संख्या में भारतीयों को अपने ही देश में शरणार्थी की तरह छोड़ दिए जाने का मुद्दा उठा रही है और यह अस्वीकार्य है.

नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हमारे देश में कोई भी नागरिक को जाति-धर्म के आधार पर बाहर नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह मानव अधिकारों से जुड़ा मुद्दा है और संख्या 40 लाख नहीं बल्कि परिवारों को मिलाकार 1.2 करोड़ से ज्यादा है.

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