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रियलिटी चेक: अनंतनाग आतंकी हमले के बाद कितना अलर्ट है उत्तर प्रदेश?

अमरनाथ यात्रा पर हमले के बाद 'आज तक' की टीम ने कई बड़े शहरों का रुख किया, जहां मंदिरों से लेकर रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डों तक की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है, लेकिन यूपी के कई शहरों में सुरक्षा का हाई अलर्ट महज खानापूर्ति ही दिखा.

उत्तर प्रदेश उत्तर प्रदेश
कुमार अभिषेक/सुरभि गुप्ता
  • वाराणसी,
  • 11 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 6:59 PM IST

अमरनाथ यात्रा पर गए यात्रियों पर हुए हमले के बाद देशभर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. राजधानी दिल्ली समेत देशभर में हाई अलर्ट कर जारी किया गया है. ऐसे में सावन माह के चलते उत्तर प्रदेश को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है. राज्यभर में इस वक्त हो रही कांवड़ यात्रा को देखते हुए सरकार ने उन सभी जिलों में सुरक्षा काफी कड़ी कर दी है, जहां कांवड़ियें भगवान शिव को जल चढ़ाने या दर्शन करने जाते हैं.

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पूरे उत्तर प्रदेश में करीब दर्जनभर जिले और 50 से ज्यादा ऐसे मंदिर हैं, जहां भगवान शिव पर जल चढ़ाने के लिए हर रोज लाखों श्रद्धालु पूरे महीने कांवड़ लेकर आते हैं. ऐसे में राज्य प्रशासन ने मंदिरों और श्रद्धालुओं की संवेदनशीलता को देखते हुए सभी जिलों को हाई अलर्ट पर रखा है.

कितना अलर्ट है उत्तर प्रदेश

अमरनाथ यात्रा पर हमले के बाद 'आज तक' की टीम ने कई बड़े शहरों का रुख किया, जहां मंदिरों से लेकर रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डों तक की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है, लेकिन यूपी के कई शहरों में सुरक्षा का हाई अलर्ट महज खानापूर्ति ही दिखा.

ऐसा है वाराणसी में सुरक्षा का हाल

सावन माह को देखते हुए आतंकी हमले झेल चुके उत्तर प्रदेश में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के दावे किए गए हैं, लेकिन वाराणसी में ये दावे पूरी तरह खोखले साबित हो रहें हैं और सबकुछ भगवान भरोसे ही चल रहा है. तीन-तीन आतंकी हमलों को झेल चुके शहर बनारस में हाई अलर्ट तो है, लेकिन रियलिटी चेक में फेल होता दिख रहा है. अनंतनाग में आतंकी हमले के बाद यूपी में भी सावन मेले को देखते हुए हाई अलर्ट कर जारी कर दिया गया, लेकिन ये हाई अलर्ट सिर्फ मजाक बनकर रह गया. काशी आने वाला हर तीर्थयात्री बाबा काशी विश्वनाथ में मत्था टेकने के बाद काल भैरव दर्शन करने जरूर आता है, लेकिन विश्वनाथ मंदिर के इतर यहां की सुरक्षा व्यवस्था कुछ भी नहीं है. जबकि खुद सूबे के मुखिया बीते 27 मई को कालभैरव का दर्शन करने आ चुके हैं.

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भगवान भरोसे श्रद्धालुओं की सुरक्षा

श्रद्धालुओं से खचाखच भरे इस मंदिर में पुलिस का एक जवान तक नजर नहीं आया. न तो मैटल डिटेक्टर लगा मिला और ना ही लगे हुए कैमरे काम करते दिखे. वहीं मंदिर आने वाले दर्शनार्थी भी खुद को सुरक्षित नहीं मान रहें हैं. उनका मानना है कि सब भगवान भरोसे ही चल रहा है. मंदिर में ना तो उनकी कोई चेकिंग हुई और ना ही कोई रोकटोक है, लेकिन इतनी बड़ी घटना के बाद सुरक्षा के इंतजाम होने चाहिए.

रेलवे स्टेशन पर सुरक्षाकर्मी नहीं

मंदिर के बाद शहर में प्रवेश का मुख्य जरिया रेलवे स्टेशन पर हाई अलर्ट और सावन माह होने के बावजूद यहां पुलिस का एक भी जवान नजर नहीं आया. यहां तक की जीआरपी बूथ भी पूरी तरह खाली मिला. स्टेशन में प्रवेश से लेकर निकासी तक के गेट पर कोई सुरक्षाकर्मी तो दूर डोर मेटल डिटेक्टर भी नदारत था.

इलाहाबाद में दिखी सतर्कता

इलाहाबाद में हाई अलर्ट के मद्देनजर कुछ सुरक्षा जांच जरूर दिखी और पुलिस सतर्क दिखाई पड़ी. इलाहाबाद रेलवे स्टेशन पर चेकिंग अभियान चलाया गया ताकि किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधियां ना हो सके. जीआरपी पुलिस के साथ एटीएस बीडीएस और डॉग स्क्वायड भी साथ रहा. जंक्शन पर लोगों के सामान की चेकिंग भी की गई.

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मुगलसराय जंक्शन पर तलाशी अभियान

अनंतनाग हमले की जानकारी मिलने के फौरन बाद दिल्ली हावड़ा रेल रूट के सर्वाधिक व्यस्ततम रेलवे स्टेशनों में शुमार मुगलसराय जंक्शन पर भी हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया और यहां पर चौकसी बढ़ा दी गई. मुगलसराय जंक्शन पर भारी संख्या में सिविल पुलिस और जीआरपी के जवानों ने सघन चेकिंग अभियान चलाया. इस दौरान पुलिस के जवानों ने पैसेंजर हॉल, वेटिंग रूम, प्लेटफॉर्म्स और ट्रेनों में सघन तलाशी ली और यात्रियों को अलर्ट किया कि वो सावधानी बरतें और अगर कोई संदिग्ध वस्तु या व्यक्ति दिखाई देता है तो फौरन पुलिस को सूचित करें.

 

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