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अखिलेश कैबिनेट का फैसला, UP में लागू होंगी सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें

उत्तर प्रदेश में करीब 16 लाख राज्य सरकार के कर्मचारी और 6 लाख पेंशनधारी हैं, जिन्हें इससे फायदा होगा. सीएम ने कहा कि इसके लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा, जिसके अध्यक्ष की नियुक्ति वह खुद करेंगे. ये कमेटी छह महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट देगी.

सरकार पर आएगा 24,000 करोड़ का बोझ सरकार पर आएगा 24,000 करोड़ का बोझ
अंजलि कर्मकार/बालकृष्ण
  • लखनऊ,
  • 18 जुलाई 2016,
  • अपडेटेड 5:25 PM IST

उत्तर प्रदेश के करीब 22 लाख कर्मचारियों और पेंशनधारियों के लिए सोमवार को अखिलेश यादव की कैबिनेट खुशियों की सौगात लेकर आई. कैबिनेट की बैठक के बाद सीएम अखिलेश यादव ने ऐलान किया कि कर्मचारियों को सातवां वेतन मान देने की दिशा में सरकार ने कदम बढ़ा दिए हैं. उत्तर प्रदेश में करीब 16 लाख राज्य सरकार के कर्मचारी और 6 लाख पेंशनधारी हैं, जिन्हें इससे फायदा होगा.

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सीएम ने कहा कि इसके लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा, जिसके अध्यक्ष की नियुक्ति वह खुद करेंगे. ये कमेटी छह महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट देगी.

ये है सपा सरकार का असली मकसद
सूत्रों के मुताबिक, चुनाव के इस मौसम में फील गुड का माहौल बनाने में लगी अखिलेश सरकार इसे दो तीन महीने के भीतर ही लागू करने की तैयारी कर रही है, ताकि सरकारी कर्मचारियों और पेंशनधारियों का ये तोहफा कहीं चुनाव आचार संहिता के चक्कर में न फंस जाए. माना जा रहा है कि सातवां वेतनमान अक्टूबर में लागू हो सकता है.

सरकार पर आएगा 24,000 करोड़ का बोझ
सीएम अखिलेश यादव ने बताया कि इसे लागू करने में सरकार पर 24,000 करोड़ का बोझ पड़ेगा, लेकिन राज्य सरकार के कर्मचारियों के एचआरए 20 प्रतिशत बढ़ाने का प्रस्ताव फिलहाल अटक गया है. इसे कुछ दिनों बाद मंजूरी मिल सकती है. ये तय माना जा रहा है कि इसका भी ऐलान उत्तर प्रदेश सरकार चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले ही कर देगी.

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बुनकर वोट पर भी नजर
अखिलेश का फीलगुड फैक्टर सिर्फ सरकारी कर्मचारियों तक ही सीमित नहीं है. बुनकरों के बहुत बडे वोट बैंक पर भी समाजवादी पार्टी की नजर है. आज कैबिनेट ने समाजवादी हथकरघा बुनकर पेंशन योजना के तहत 60 साल के ऊपर के बुनकरों को हर महीने 500 रुपये बतौर पेंशन देने का भी फैसला किया.

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