Advertisement

अखिलेश-मुलायम खेमे में अब भी जारी है जोर आजमाइश का दौर

समाजवादी पार्टी में दो फाड़ होने के बाद मुलायम खेमे के प्रदेश अध्यक्ष हैं शिवपाल सिंह यादव तो अखिलेश खेमे के प्रदेश अध्यक्ष हैं नरेश उत्तम. पिता-पुत्र के इस दंगल में चुनाव चिन्ह को लेकर सस्पेंस बरकरार है लेकिन उनके अध्यक्षों के बीच रार अब खुलकर सामने भी आने लगी है.

अखिलेश-मुलायम अखिलेश-मुलायम
सबा नाज़/कुमार अभिषेक
  • लखनऊ,
  • 16 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 2:58 PM IST

समाजवादी पार्टी में दो फाड़ होने के बाद मुलायम खेमे के प्रदेश अध्यक्ष हैं शिवपाल सिंह यादव तो अखिलेश खेमे के प्रदेश अध्यक्ष हैं नरेश उत्तम. पिता-पुत्र के इस दंगल में चुनाव चिन्ह को लेकर सस्पेंस बरकरार है लेकिन उनके अध्यक्षों के बीच रार अब खुलकर सामने भी आने लगी है.

नरेश उत्तम जिन्हें अखिलेश यादव ने राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद अपना प्रदेश अध्यक्ष बनाया था उन्होंने नए साल में मकर संक्रांति के दिन अपने नाम की तख्ती प्रदेश कार्यालय में लटका दी तो शाम होते-होते शिवपाल यादव ने पार्टी के लेटर हेड पर मैनपुरी से एक उम्मीदवार के नाम का एलान कर दिया.

Advertisement

एक अध्यक्ष ने प्रदेश कार्यालय में अपने नाम को सार्वजनिक किया तो दूसरे ने कागज पर अपनी ताकत दिखा दी. साफ है समाजवादी में दबिश और कब्जे को लेकर ये जोर आजमाइश सिर्फ पिता-पुत्र तक सीमित नहीं है बल्कि उनके कैडर तक फैल चुकी है. मुलायम खेमा किसी भी हालत में इस लड़ाई में हारते दिखना नहीं चाहता, वहीं अखिलेश खेमा अपनी दावेदारी पुख्ता करने की हर कोशिश करने में जुटा है.

नरेश उत्तम ने अपने नाम की तख्ती टांगने के बाद सीधे मुलायम सिंह की कोठी 5 विक्रमादित्य मार्ग का रुख किया, सूत्रों के मुताबिक नरेश उत्तम को मुलायम सिंह ने तलब किया था और गायत्री प्रजापति उन्हें साथ लेकर मुलायम की कोठी पर गए थे. बाहर निकलकर नरेश उत्तम ने कहा कि मकरसंक्रांति के दिन वो आशीर्वाद लेने गए थे लेकिन पार्टी दफ्तर पर कब्जे की इस जंग में कोई पीछे नहीं दिखना चाहता. जैसे ही नरेश उत्तम मुलायम सिंह से मिलकर बाहर आए, शिवपाल यादव ने पार्टी के लेटरहेड पर मैनपुरी से वर्तमान विधायक सोवरन सिंह यादव का नाम कैंडिडेड के तौर पर जारी कर दिया.

Advertisement

बहरहाल तमाम नजरें अब इसपर टिकी हैं कि चुनाव आयोग साइकिल निशान को लेकर किसके हक में फैसला करता है, जिसके हक में साइकिल जाएगी दफ्तर पर उसका दावा मजबूत होगा लेकिन अगर ये सिंबल फ्रीज हो गया तो दफ्तर पर कब्जे की जंग भी दिलचस्प होगी.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement