
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज खुद को और अपने मंत्रियों को सैलरी इंक्रीमेंट का तोहफा दिया. बुधवार सुबह राजधानी के एनेक्सी में हुई कैबिनेट में इस पगार बढ़ोतरी का फैसला लिया गया. अखिलेश सरकार आने वाले सत्र में इसका प्रस्ताव पेश कर देगी.
पिछले तीन दशकों से उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री के मूल वेतन में बढ़ोतरी नहीं हुई थी. कैबिनेट के इस फैसले के बाद से मुख्यमंत्री और कैबिनेट के मंत्रियों की पगार 12 हजार से बढ़कर 40 हजार हो गई, जबकि राज्यमंत्री और उपमंत्रियों की पगार 12 से बढ़कर 35 हजार की गई है. ये बढ़ोतरी मुख्यमंत्री और मंत्रियों के मूल वेतन में की गई है.
इससे पहले 1981 में हुआ था संशोधन
पिछला संशोधन 1981 में किया गया था जब मुख्यमंत्री की पगार बारह हजार की गई थी तब से अब तक मुख्यमंत्री की पगार सिर्फ 12 हजार थी. अब तक मुख्यमंत्री को सिर्फ 12 हजार वेतन के तौर पर मिलता था और बतौर विधायक 1 लाख 1 हजार 800 का वेतन मिलता था जो अब बढ़कर 1 लाख 41 हजार 800 हो जाएगा.
नहीं बढ़ाया गया विधायकों का वेतन
इस बढ़ोतरी में सिर्फ मुख्यमंत्री और मंत्रियों को शामिल किया गया है, जबकि विधायकों के वेतन में फिलहाल कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है. विधायकों का वेतन दो साल पहले बढ़ाया गया था, लेकिन मंत्रियों और मुख्यमंत्री का काफी वक्त के बाद हुआ है. इस फैसले पर कांग्रेस के अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि तीन दशकों के बाद ये बढ़ोतरी हुई है इसलिए इसकी ज्यादा आलोचना नहीं की जा सकती. वैसे मकेनिज्म ऐसा होना चाहिए कि ये वक्त और महंगाई को देखते हुए इसमें खुद ब खुद बढ़ोतरी हो जाए.