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BHU के कुलपति की चेतावनी, जबरदस्ती छुट्टी पर भेजा तो दे दूंगा इस्तीफा

उन्होंने कहा कि कार्यकाल समाप्त होने से दो महीने पहले छुट्टी पर जाना अपमानजनक होगा. इसलिए ऐसी स्थिति में वो पद छोड़ना पसंद करेंगे.

वीसी गिरीश चंद्र त्रिपाठी वीसी गिरीश चंद्र त्रिपाठी
जावेद अख़्तर/BHASHA
  • वाराणसी,
  • 28 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 11:23 PM IST

यूपी की बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के कुलपति गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने गुरुवार को कहा कि अगर उन्हें छुट्टी पर जाने के लिए कहा गया तो वह अपने पद से इस्तीफा दे देंगे. उन्होंने बताया कि 'मानव संसाधन विकास मंत्रालय से ऐसा कोई आदेश नहीं मिला है.

गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, 'अब तक मुझसे इस तरह की कोई भी बात नहीं कही गई है. मैं घटना के दिन से मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के संपर्क में हूं और उनको स्थिति से अवगत कराया है'.

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मगर, त्रिपाठी छुट्टी पर भेजे जाने की बात से खफा नजर आए. दरअसल, उनका कार्यकाल इसी साल 30 नवंबर को पूरा हो रहा है. ऐसे में उन्होंने साफ तौर पर कहा कि छुट्टी पर जाने का ऑर्डर आता है तो वह इस्तीफा दे देंगे. उन्होंने कहा कि कार्यकाल समाप्त होने से दो महीने पहले छुट्टी पर जाना अपमानजनक होगा. इसलिए ऐसी स्थिति में वो पद छोड़ना पसंद करेंगे.

नए नामों पर चर्चा जारी

वहीं मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, त्रिपाठी की जगह नए नामों को शॉर्ट लिस्ट करने की प्रक्रिया शुरु कर दी गई है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने ये भी बताया कि अगर कैंपस में बवाल की स्थिति भी पैदा न होती, तब भी नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जाती. क्योंकि मौजूदा वीसी का कार्यकाल जल्द ही समाप्त होने जा रहा है.

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ये है मामला

बता दें कि कैंपस में 21 सितंबर को एक लड़की से छेड़छाड़ का मामला सामने आया था. जिसके बाद इस घटना ने हिंसक रूप ले लिया था. यूनिवर्सिटी प्रशासन पर लड़कियों पर लाठीचार्ज करने और मामले में लापरवाही बरतने की बात सामने आई थी. इसके लिए वीसी के रुख की भी हर तरफ आलोचना की गई थी.

चीफ प्रॉक्टर का बयान

बीएचयू की नई चीफ प्रॉक्टर रॉयना सिंह ने चार्ज संभालने के बाद कहा कि 65 संवेदनशील स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. साथ ही कैंपस में महिला गार्ड्स की तैनाती की जाएगी. वहीं कंट्रोल रूम ने दो हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं, जहां लड़कियां शिकायत दर्ज करा सकेंगी. साथ ही प्रॉक्टोरियल कमेटी में शोध करने वाली छात्राओं को शामिल किया जाएगा. वहीं बाहरी छात्र और छात्राओं को चैकिंग भी की जाएगी.

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