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BHU में लाठीचार्ज की जांच, क्राइम ब्रांच ने कब्जे में लिया CCTV फुटेज

बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी-बीएचयू में लाठीचार्ज और बवाल की जांच क्राइम ब्रांच ने संभाल लिया है. इंस्पेक्टर राहुल शुक्ला के नेतृत्व में पहुंची क्राइम ब्रांच की टीम बीएचयू के उस कंट्रोल रूम में पहुंची जहां से पूरे परिसर में सीसीटीवी कैमरों से नजर रखी जाती है

बीएचयू प्रोटेस्ट बीएचयू प्रोटेस्ट
संदीप कुमार सिंह
  • बनारस ,
  • 28 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 4:43 PM IST

बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी-बीएचयू में लाठीचार्ज और बवाल की जांच क्राइम ब्रांच ने संभाल लिया है. इंस्पेक्टर राहुल शुक्ला के नेतृत्व में पहुंची क्राइम ब्रांच की टीम बीएचयू के उस कंट्रोल रूम में पहुंची जहां से पूरे परिसर में सीसीटीवी कैमरों से नजर रखी जाती है. क्राइम ब्रांच ने 21 सितंबर से लेकर मंगलवार तक के सीसीटीवी  फुटेज कब्जे में ले लिए. क्राइम ब्रांच ने लंका क्षेत्र में लगे अन्य सीसी कैमरों की फुटेज भी अपने कब्जे में ली है.

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क्राइम ब्रांच टीम ने बीएचयू प्रॉक्टोरियल बोर्ड के अधिकारियों-कर्मचारियों से घटना के दिन ड्यूटी आदि के बाबत पूछताछ की. प्रॉक्टोरियल बोर्ड के अधिकारियों और कर्मचारियों की सूची क्राइम ब्रांच में तलब करने के साथ सुरक्षाकर्मियों की भी लिस्ट मांगी है. एसएसपी के निर्देश पर क्राइम ब्रांच की टीम महिला छात्रवासों की वार्डेन से भी पूछताछ की तैयारी में है.

वाराणसी के कमिश्नर नितिन रमेश गोकर्ण ने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में छात्राओं पर लाठीचार्ज की घटना पर सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. इसमें बीएचयू प्रशासन को स्थिति को ठीक से नहीं संभालने और स्थिति बिगड़ने का जिम्मेदार माना था. बीएचयू की आंतरिक रिपोर्ट में भी इसकी पुष्टि हुई. इसके बाद, यूनिवर्सिटी के प्रॉक्टर ने इस्तीफा दे दिया था. कमिश्नर गोकर्ण ने कहा था- लड़कियों ने इस संबंध में जानकारी परिसर में तैनात पुलिसकर्मियों को दी गई थी, लेकिन उन्होंने उचित कार्रवाई नहीं की. इसके चलते लड़कियों में आक्रोश बढ़ गया. इसके साथ ही उन्हें उनकी मांगों को लेकर भी पर्याप्त प्रतिक्रिया नहीं मिली."

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क्या है मामला

बीएचयू कैंपस के बाहर छात्राएं शुक्रवार से छेड़छाड़ के विरोध में धरने पर बैठी थीं. इसके बाद शनिवार शाम को पुलिस ने लाठीचार्ज किया. बीएचयू में हुई हिंसा और तनाव पैदा होने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने दशहरा अवकाश अकादमिक कैलेंडर से एक दिन पहले ही घोषित कर दिया. इस मामले को लेकर वाराणसी के साथ-साथ दिल्ली समेत देश भर में प्रदर्शन हुए थे. यूपी सरकार ने न्यायिक जांच के आदेश दिए थे.

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