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CAA प्रोटेस्ट: लखनऊ में नुकसान की रिकवरी के लिए योगी सरकार ने जारी किया आदेश

प्रशासन ने रिकवरी के लिए 16 लोगों को नोटिस जारी किया है. इनसे कुल 69 लाख 48 हजार 900 रुपये की रिकवरी की जानी है. जिन 16 लोगों को रिकवरी के लिए नोटिस दिया गया है, उन्हें यह राशि जमा करने के लिए 30 दिन का समय दिया है.

19 दिसंबर को लखनऊ में हुई थी आगजनी और पथराव (फाइल फोटोः PTI) 19 दिसंबर को लखनऊ में हुई थी आगजनी और पथराव (फाइल फोटोः PTI)
कुमार अभिषेक
  • लखनऊ,
  • 03 मार्च 2020,
  • अपडेटेड 11:50 PM IST

  • 30 दिन के अंदर सरकारी खजाने में करना होगा जमा
  • 29 लोगों को जारी हुआ था नोटिस, 16 से होगी रिकवरी

नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान लखनऊ में हिंसा हुई थी. इस दौरान संपत्ति को भी व्यापक नुकसान हुआ था. प्रदेश की योगी सरकार ने सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई प्रदर्शनकारियों से ही करने की घोषणा की थी. अब सरकार ने इसके लिए आदेश जारी कर दिया है.

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लखनऊ जिला प्रशासन ने रिकवरी के लिए 16 लोगों को नोटिस जारी किया है. इनसे कुल 69 लाख 48 हजार 900 रुपये की रिकवरी की जानी है. जिन 16 लोगों को रिकवरी के लिए नोटिस दिया गया है, उन्हें यह राशि जमा करने के लिए 30 दिन का समय दिया है. मंगलवार को हुई सुनवाई के बाद 16 लोगों को नुकसान के लिए उत्तरदायी मानते हुए सरकारी खजाने में यह धनराशि जमा करने का आदेश दिया गया.

यह भी पढ़ें- CAA के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन, 13 लोगों से 21 लाख वसूलेगी योगी सरकार

गौरतलब है कि 19 दिसंबर को लखनऊ में बड़ी संख्या में लोग सीएए के खिलाफ सड़क पर उतर आए थे. इस दौरान हिंसा के साथ ही तोड़-फोड़ और आगजनी की घटनाएं भी हुई थीं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना के बाद यह ऐलान किया था कि हुए नुकसान की भरपाई क्षति पहुंचाने वालों से ही की जाएगी. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले और फुटेज के सहारे उपद्रवियों की पहचान कर नोटिस भेज जवाब मांगे गए. लखनऊ जिला प्रशासन की ओर से कुल 19 लोगों को नोटिस भेजा गया.

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कुल 29 में से 10 लोगों ने नोटिस का जवाब नहीं दिया. वहीं, 13 लोग निर्दोष पाए गए. तीन मार्च को हुई सुनवाई के बाद जवाब नहीं देने वाले 10 और दोषी पाए गए 6, कुल 16 लोगों को रिकवरी के लिए आदेश जारी कर दिया गया. बता दें कि सीएए लागू होने के बाद देश भर में इसके खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं. उत्तर प्रदेश के लखनऊ समेत कई शहरों में भी लोगों ने इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन किया था.

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