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कानपुर में मेड इन चाइना का हो रहा विरोध, इस दिवाली नहीं बिकेंगे चाइनीज पटाखें

कानपुर के एडीएम अविनाश सिंह ने इसी आदेश के आधार पर जिले के सभी थानाध्यक्षों को बाकायदा एक लेटर जारी कर चाइनीज पटाखों की बिक्री रोकने का आदेश दिया है.

मेड इन चाइना प्रॉडक्ट्स की बिक्री में भारी गिरावट मेड इन चाइना प्रॉडक्ट्स की बिक्री में भारी गिरावट
अंजलि कर्मकार/बालकृष्ण
  • कानपुर,
  • 21 अक्टूबर 2016,
  • अपडेटेड 2:31 AM IST

यूपी का शायद ही कोई जिला ऐसा हो, जहां पर चाइनीज सामानों के विरोध में प्रदर्शन न हुआ हो. लेकिन, कानपुर के जिला प्रशासन ने एक कदम आगे बढ़कर चाइनीज पटाखों की बिक्री का रास्ता ही बंद कर दिया है. जिला प्रशासन ने बाकायदा चिट्ठी भेज कर थानों को कहा है कि वह यह सुनिश्चित करें की दुकानों में विदेशी पटाखे नहीं बिकें. ऐसा किया गया है उत्तर प्रदेश सरकार के एक आदेश के आधार पर. यूपी के प्रमुख सचिव, गृह, देवाशीस पंडा के ऑफिस ने 2 साल पुराने मद्रास हाई कोर्ट के एक आदेश को आधार बनाकर विदेशी पटाखें बिकने का रास्ता बंद कर दिया है.

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क्या है आदेश में?
इसके लिए आधार बताया गया है कि 15 अक्टूबर 2015 को मद्रास हाई कोर्ट ने एक याचिका पर आदेश दिया था कि पटाखें की दुकान का कोई भी लाइसेंस देते समय यह सुनिश्चित कराया जाए कि दुकान में कोई भी विदेशी विस्फोटक सामान न बेचा जाए. यह आदेश दो साल पहले हुआ था, लेकिन इस समय पकिस्तान पर भारत की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पकिस्तान और चाइनीज सामान के खिलाफ जो जान भावना पनपी है. उसके मद्देनजर उत्तर प्रदेश शासन ने भी इसी आदेश के आधार पर विदेशी पटाखों को पर रोक लगा दी है. इस आदेश में हालांकि, चीनी पटाखों का जिक्र सीधे-सीधे नहीं है.

क्या कहते हैं एडीएम?
कानपुर के एडीएम अविनाश सिंह ने इसी आदेश के आधार पर जिले के सभी थानाध्यक्षों को बाकायदा एक लेटर जारी कर चाइनीज पटाखों की बिक्री रोकने का आदेश दिया है. एडीएम का कहना है कि पटाखों के लाइसेंस में कुल 33 शर्ते होती हैं, उसमें एक यह भी जोड़ी गई है. उनका कहना है विदेशी पटाखें का बेचना अदालत के आदेश के बाद अपराध है. इसलिए इसे कड़ाई से रोका जाएगा.

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क्या कहते हैं पटाखा मंडी के अध्यक्ष?
कानपुर की पटाखा मंडी के अध्यक्ष राजू शम्सी ने कहा, 'चाइनीज पटाखों में क्लोरेट होता है, जो शरीर को नुकसान पहुंचाता है. ऐसे में जब देश की जनता ही चाइनीज सामानों का बहिष्कार करने का आंदोलन चला रही है, तो फिर प्रशासन के आदेश का हम भी पालन करेंगे.

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