
बांदा के एक सरकारी स्कूल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आने का कार्यक्रम था. मुख्यमंत्री को सब कुछ चकाचक दिखाने के लिए स्कूल के बच्चों को नए बस्ते बांटे गए. साथ ही बच्चे सवाल पूछे जाने पर कोई गलती ना करें, इसलिए उन्हें तोते की तरह रटाया भी गया. ऐन मौके पर मुख्यमंत्री का स्कूल आने का कार्यक्रम रद्द हो गया. स्कूल का संचालन करने वालों को जैसे ही इसकी भनक मिली वैसे ही बच्चों को बांटे गए नए बस्ते उनसे छीन लिए गए.
अब बच्चों को फिर पुराने खस्ताहाल बस्तों को लेकर ही स्कूल जाना पड़ रहा है. दिलचस्प बात ये है कि इन पुराने बस्तों पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की फोटो के साथ लिखा हुआ देखा जा सकता है- 'खूब पढ़ो, खूब पढ़ो'... असंवेदनशीलता की हद वाले इस मामले ने तूल पकड़ा तो प्रशासन ने बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) की निगरानी में जांच बिठा दी.
बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को बांदा के दौरे पर थे. जिला अस्पताल और मंडी समिति के निरीक्षण के साथ उनके गुरेह या महोखर गांव में आने की भी संभावना थी. मुख्यमंत्री के दौरे को देखते हुए एक हफ्ता पहले से ही तैयारियां चल रही थीं. जिला प्रशासन की ओर से बेसिक शिक्षा विभाग को गुरेह और महोखर गांव के प्राथमिक और जूनियर हाईस्कूल के विद्यालयों को भी दुरुस्त करने के निर्देश थे.
बच्चों को बैठने उठने के तरीकों के साथ गिनती पहाड़े भी रटा दिए गए. बच्चों के पुराने बस्तों पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चित्र को देखकर मुख्यमंत्री योगी कहीं नाराज ना हो जाएं इसलिए बच्चों को नए बस्ते भी बंटवा दिए गए.
शनिवार दोपहर तक अधिकारी और शिक्षक पूरी तरह सतर्क रहे. दोपहर बाद जब ये साफ हो गया कि मुख्यमंत्री गांव में नहीं आ रहे तो वैसे ही उनसे नए बस्ते छीन लिए गए और उनकी कापी-किताबें लौटा दी गईं.
छात्र रमाकांत ने कहा कि जैसे ही साफ हो गया कि योगी जी नहीं आ रहे वैसे ही नए बस्ते वापस ले लिए गए और पुराने फटे बस्ते लौटा दिए गए. एक बच्चे की अभिभावक सुशीला ने कहा, "हम मजदूरी करते हैं, हम बस्ता लें या क्या क्या लें. जब योगी जी को आना था तो क्यों दिया ? और फिर जब नहीं आये तो क्यों छीन लिए. हम गरीब मजदूर हैं. क्या करें? ड्रेस भी दो साल पहले दी गई थी."
बांदा के एडीएम गंगाराम गुप्ता ने बच्चों से बस्ते वापस लेने को गलत बताया है. उनके मुताबिक ये मामला संज्ञान में आने के बाद बीएसए ने जांच बिठा दी है. जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.