
प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में पिछले दो दिनों में हुई बारिश से भले ही गर्मी से राहत मिलती नजर आ रही हो लेकिन पेयजल आपूर्ती को लेकर खतरे के बादल अभी भी बरकरार हैं.
गंगा का जलस्तर न्यूनतम स्तर पर
गंगा के गिरते जल स्तर से काशी में पेयजल का संकट गहरा गया है. जिसकी वजह से पेयजल की आपूर्ती में कटौती कर दी गई है. गंगा के किनारे के मोहल्लों, पक्का महाल, बंगाली टोला, दशाश्वमेध घाट, भदैनी में हालत ज्यादा खराब है. जल कल विभाग के महाप्रबंधक बी बी सिंह का कहना है कि गंगा का जलस्तर दो सौ फीट तक रहने पर पेयजल की आपूर्ती सामान्य रहती है. लेकिन मौजूदा जलस्तर 187 फीट पर आ गया है, जो अब तक के न्यूनतम स्तर से दो फीट कम है. पिछले वर्ष जून माह में गंगा का जलस्तर 189 फीट था.
जल कल विभाग ने जारी किया वाटर अलर्ट
स्थिती को देखते हुए जलकल विभाग ने वाराणसी में वाटर अलर्ट घोषित कर दिया है. अलर्ट के अनुसार गंगा में जलस्तर सामान्य से भी कम होने के कारण भदैनी वाटर पंपिंग स्ठेशन से जल की निकासी कम कर दी गई है. आपको बता दें यहां पर दो कुओं में पांच पंप लगे हैं. इनमें से एक बड़े कुए में लगे पंप से आपूर्ती रूक गई है. जलकल विभाग का कहना है कि जल स्तर कम होने की वजह से इस पंप के नीचे से गंदगी आ रही थी जिसरी वजह से सप्लाई रोकी गई है. वहीं दूसरे कुएं में चार पंप लगे हैं जिसमें से दो पंपों से ही आपूर्ती की जा रही है.
जलकल विभाग द्वारा जारी निर्देश में गंगा के तट पर बसे काशी वासियों को सलाह दी गई है कि जलआपूर्ती के समय आवश्यकतानुसार पेयजल संग्रहित कर ले. इस समय पेयजल की आपूर्ती सुबह करीब पांच बजे से नौ बजे तक और शाम को पांच से सात बजे तक की जा रही है.