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एएमयू के जेएन मेडिकल कॉलेज की कैंटीन में बीफ (गोमांस) परोसे जाने की खबर ने इंतजामिया की नींद उड़ा दी. आनन-फानन में कैंटीन की चेकिंग कराई गई. इंतजामिया ने खबरों को निराधार बताते हुए कहा है कि यह एएमयू को बदनाम करने की साजिश है.
बीजेपी कार्यकर्ताओं का हंगामा
मेडिकल की कैंटीन में बीफ परोसने की खबरें सोशल मीडिया पर वायरल होते घमासान मच गया, जिसके बाद अलीगढ़ की मेयर शकुंतला भारती सैकड़ों की तादात में बीजेपी के कार्यकर्ताओं के साथ एसएसपी ऑफिस पहुंच गई, जहां पुलिस व बीजेपी के कार्यकर्ताओं में जमकर कहासुनी हुई. उन्होंने शिकायत कि की मेडिकल कॉलेज की कैंटीन के खिलाफ मुकदमा लिखा दर्ज किया जाए और निष्पक्ष जांच कर कार्यवाही की जाए.
बीजेपी ने दी आंदोलन की धमकी
बीजेपी कार्यकर्ताओं और सीओ के बीच जमकर शब्दों के बाण चले, हालांकि एसपी सिटी ने जांच की बात कही है. वहीं बीजेपी कार्यकर्ताओं व मेयर ने मुकदमा लिखकर कार्रवाई ना होने की स्थिति में आंदोलन की बात कही है.
इंतजामिया ने किया बीफ होने से इनकार
एएमयू इंतजामिया का कहना है कि मेडिकल कैंटीन व यूनिवर्सिटी कैंटीन में प्रॉक्टोरियल टीम ने छापेमारी की लेकिन हमें कैंटीन में बीफ की ब्रिकी नहीं मिली. मेडिकल कैंटीन के मेन्यू में अन्य व्यंजनों के साथ बीफ बिरयानी का भी जिक्र है. इंतजामिया का कहना है कि बीफ के तहत कई तरह के पशुओं के मांस आते हैं. यहां बीफ का मतलब गोमांस कतई नहीं है.
एएमयू के इतिहास में कभी यहां बीफ नहीं परोसा गया. एएमयू संस्थापक सर सैयद अहमद खां ने 1875 में कॉलेज की स्थापना की थी, तभी से यहां गोमांस पर प्रतिबंध है. एएमयू कैंटीन में ठेकेदारी को लेकर भी विवाद रहा है.