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नेपाल से सटे यूपी बॉर्डर पर हिज्बुल मुजाहिदीन का संदिग्ध आतंकी गिरफ्तार

अधिकारी के मुताबिक वर्ष 2002-03 में हिज्बुल मुजाहिदीन के साथ जुड़ा नसीर कश्मीर के बनिहाल से पाकिस्तान गया था. साथ ही कई आतंकी गतिविधियों में भी शामिल रहा.

हिज्बुल मुजाहिद्दीन का संदिग्ध आतंकी हिज्बुल मुजाहिद्दीन का संदिग्ध आतंकी
नंदलाल शर्मा/जितेंद्र बहादुर सिंह
  • लखनऊ ,
  • 14 मई 2017,
  • अपडेटेड 7:15 PM IST

सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) ने उत्तर प्रदेश के महराजगंज में नेपाल से सटे सोनौली क्षेत्र में हिज्बुल मुजाहिदीन के एक संदिग्ध आतंकवादी को गिरफ्तार किया है. प्रदेश पुलिस के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) के एक अधिकारी ने बताया कि एसएसबी ने शनिवार को सोनौली की सीमा पर नसीर अहमद उर्फ सादिक नामक संदिग्ध आतंकवादी को गिरफ्तार कर लिया.

अधिकारी के मुताबिक वर्ष 2002-03 में हिज्बुल मुजाहिदीन के साथ जुड़ा नसीर कश्मीर के बनिहाल से पाकिस्तान गया था. साथ ही कई आतंकी गतिविधियों में भी शामिल रहा. नसीर ने पाकिस्तान में तीन महीने तक एके-47, एके-56 और एसएलआर चलाने की ट्रेनिंग ली. साल 2002 में उसे बनिहाल में सेना के साथ मुठभेड़ में गोली भी लगी थी.

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उन्होंने बताया कि नसीर ने वर्ष 2009 में पाकिस्तान के गुजरात जिले में आशा नईम नामक महिला से शादी की थी और उसी के पते पर पासपोर्ट हासिल किया था. अधिकारी ने बताया कि नसीर पाकिस्तान के फैसलाबाद से शारजाह गया था. उसके बाद वहां से वह नेपाल की राजधानी काठमांडू पहुंचा था, वहां से वह एक अन्य व्यक्ति के साथ भारतीय सीमा में दाखिल होने की फिराक में था. वह व्यक्ति फिलहाल लापता है.

बहरहाल, एटीएस ने मामले की जांच अपने हाथ में ले ली है और वह नसीर को रिमांड पर लेकर उसके इरादों और नेटवर्क के बारे में जानकारी हासिल करेगा.

कौन है नसीर अहमद

- सितंबर 2002 से सितंबर 2003 तक हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर का गन मैन था.
- सितंबर 2002 में ही इसने मोहम्मद मीर वानी निवासी बनिहाल, रामबन (जम्मू और कश्मीर) को अपने साथियों के साथ मिलकर मारा. वानी के ऊपर भारतीय सुरक्षा बलों को सूचना देने का शक था.
- वर्ष 2002 के चुनावों में लैंड माइन से 2 नागरिकों की मौत और दो जवान शहीद हुए, उसमं भी यह शामिल था.
- एसटीएफ कैम्प पर हमले करने वाले गिरोह का यह सदस्य था, जो कैम्प रामसो रामबन (जम्मू और कश्मीर) में था.
- जुलाई 2002 में, सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ जो कि सुभाष बाग मुख्य राजमार्ग बनिहाल में हुई थी, उसमे इसे 2 गोलियां लगीं थी.
- नजीर ने कबूला कि 2002 में इसने 16 लोगों को छिपने की जगह मुहैया कराई थी और गुप्त तरीके से उनके गोला-बारूद को भी छिपाया था. यहा जगह लश्करवां, तहसील बनिहाल जिला-रामबन में थी.
- पाकिस्तान रहने के दौरान, इसने वहीँ की लड़की आशा नईम से 2009 में निकाह किया. इसके दो बेटे हैं. यह अपने भारतीय आका के कहने पर भारत में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए आ रहा था. ऐसा इसने शुरुआती पूछताछ में SSB और महाराजगंज जिला पुलिस उत्तर प्रदेश को बताया है. अब इस आतंकी पर आगे की करवाई के लिए SSB ने यूपी एटीएस को  सौंप दिया है.

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