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UP: संसद भवन जैसी होगी नए सीएम ऑफिस की सुरक्षा, जानें और क्या है खूबियां

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का नया ऑफिस अगले अगले महीने पूरा हो जाएगा. इसे नवीन सचिवालय भवन के नाम से जाना जाएगा. इस बिल्डिंग का कंस्ट्रक्शन सितंबर 2013 में शुरू हुआ था.

नए ऑफिस में भी पंचम तल पर ही बैठेंगे मुख्यमंत्री नए ऑफिस में भी पंचम तल पर ही बैठेंगे मुख्यमंत्री
अनूप श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 06 जुलाई 2016,
  • अपडेटेड 6:05 PM IST

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का नया ऑफिस अगले अगले महीने पूरा हो जाएगा. इसे नवीन सचिवालय भवन के नाम से जाना जाएगा. इस बिल्डिंग का कंस्ट्रक्शन सितंबर 2013 में शुरू हुआ था. 400 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा यह दफ्तर यूपी का अब तक का सबसे सुरक्षित और हाईटेक दफ्तर होगा.

तीन ब्लॉक में बन रही नई बिल्डिंग में 1330 कर्मचारियों के बैठने की व्यवस्था होगी. इस बिल्डिंग में सिक्योरिटी के इंतजाम संसद भवन जैसे किए जा रहे हैं. जिससे किसी भी आतंकवादी हमले को झेलने की क्षमता होगी. नए भवन का निर्माण विधान भवन के सामने धरनास्थल पर बन रहा है.

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संसद भवन जैसी होगी सुरक्षा
पूरी तरह से हाईटेक, वाईफाई फ्री के साथ बिल्डिंग में सुरक्षा के अत्याधुनिक इंतजाम रहेंगे. बिल्डिंग में बनाया जा रहा चेक पोस्ट भी पूरी तरह से बुलेट प्रूफ होगा. बिल्डिंग कैंपस में एंट्री करते ही पूरी बॉडी स्कैन हो जाएगी. बैरियर तोड़ते ही गाड़ी के पहिए जाम हो जाएंगे. यानी टक्कर मारकर गाड़ी को अंदर ले जाना असंभव होगा. नई बिल्डिंग में एंट्री के लिए इलेक्ट्रॉनिक कार्ड का इस्तेमाल करना होगा. विजिटर के लिए अलग कार्ड बनाए जाएंगे.

जानकारी के मुताबिक तकरीबन 400 करोड़ की लागत से बन रहे इस परिसर में खास बात यह है कि यहां पर कमरों को इस तरह बनाया गया है कि जरूरत पड़ने पर कमरों को छोटा या बड़ा किया जा सकता है. ऐसा माना जा रहा है कि जुलाई के अंत तक या फिर अगले महीने की शुरुआत में मुख्यमंत्री इन सुविधाओं से लैस अपने ऑफिस में शिफ्ट हो जाएंगे.

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125 साल पुराने विधान भवन से भी खूबसूरत नक्काशी
विधानसभा के ठीक सामने बन रहे इस ऑफिस में कई खूबियां हैं. मुख्यमंत्री के नए ऑफिस का मुख्य भवन विधानसभा की मिरर इमेज है. मिरर इमेज इस तरह कि विधानसभा के गुंबद में लगे नवग्रह इस भवन के मुख्य गुंबद में भी उसी तरह उकेरे गए हैं. कई मायनों में यह 125 साल पूरे कर चुके विधानभवन से भी खूबसूरत है, क्योंकि इसमें बाहरी दीवारों पर स्टोन क्लैडरिंग है और कई जगहों पर नक्काशी है. नक्काशी कर कई जगहों पर जाल भी बनाया गया है.

इस नए सीएम ऑफिस में सभी सुविधाएं होंगी. इसमें वाई-फाई, वीडियो कांफ्रेंसिंग, बीएमएस टेक्निक, पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम, डिजीसेट वगैरह शामिल हैं. साथ ही इसका क्षेत्रफल मौजूदा ऑफिस से काफी बड़ा है.

विधान भवन जैसा होगा बिल्डिंग का गुंबद
इस बिल्डिंग की खास बात यह है कि इसका डिजाइन विधान भवन की तर्ज पर है. इसका गुंबद भी विधानभवन की ही तरह है. यह बी ब्लॉक के ऊपर बनेगा जिसमें मुख्यमंत्री बैठेंगे. इस नई बिल्डिंग में दो मंजिला बेसमेंट की पार्किंग होगी, जिसमें लगभग पांच सौ गाड़ियों को पार्क करने की एक साथ व्यवस्था होगी.

पंचम तल पर ही बैठेंगे मुख्यमंत्री
नई सचिवालय बिल्डिंग तीन ब्लॉक में तैयार कराई जा रही है. ए और सी ब्लॉक ग्राउंड फ्लोर प्लस सात मंजिल का होगा, जबकि बी ब्लॉक पांच मंजिला होगा. यहां भी सीएम का ऑफिस बी ब्लॉक में पांचवे फ्लोर पर होगा. यानी मुख्यमंत्री पंचम तल पर ही बैठेंगे. इसके अलावा मुख्यमंत्री का पूरा स्टाफ भी इसी बिल्डिंग में शिफ्ट होगा.

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अभी एनेक्सी में है मुख्यमंत्री का ऑफिस
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का ऑफिस अभी तक लाल बहादुर शास्त्री भवन, एनेक्सी में पांचवे फ्लोर पर था. इसी एक फ्लोर पर मुख्यमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी, अन्य सभी सेक्रेटरी और स्पेशल सेक्रेटरी के साथ ओएसडी बैठते हैं. इसी फ्लोर पर मुख्यमंत्री का ऑफिस और मीटिंग हॉल भी है. जिसमें सीएम कैबिनेट की मीटिंग लेते हैं.

पहले धरना स्थल थी यह जगह
जिस जगह यह बिल्डिंग बन रही हैं वहां पहले धरना स्थल हुआ करता था. पांच साल पहले यहां से धरना स्थल शिफ्ट कर दिया गया और यहां पर मंत्री आवास बनाने की कवायद शुरू हुई थी, लेकिन बजट की व्यवस्था ना हो पाने के कारण काम शुरू होने से पहले ही खत्म हो गया था. सरकार बदली तो पहले सरकार ने धरना स्थल इसी जगह पर वापस किया. यहां पर बनाई जा रही इस बिल्डिंग का नक्शा निर्माण निगम ने ही तैयार किया है.

ऐसी रहेगी सुरक्षा व्यवस्था
मुख्यमंत्री के इस नए ऑफिस की विशेषता यह है कि इस पूरे भवन में कुल चार गेट हैं. एक गेट से लोग पास बनवाकर जा सकेगें. एक गेट मुख्यमंत्री के लिए रिजर्व है. इसके अलावा भवन की सुरक्षा को लेकर कोई असमंजस की स्थिति नहीं रहे इसके लिए पांच वॉच टॉवर बनाए गए हैं. जिसमें स्पॉट लाइट की भी व्यवस्था है. इसके अलावा आतंकी खतरे से निपटने के लिए हर प्वॉइंट सीसीटीवी कैमरे की नजर में रहेगा और इसका एक कंट्रोल रुम अलग से होगा. बैगेज एक्स रे, डीएफएमडी, एचएचएमडी के जरिए जहां नजर रखी जाएगी. वहीं अत्याधुनिक बूम बैरियर के जरिए अनचाहे लोगों का प्रवेश रोका जा सकेगा.

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