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लखनऊ पहुंची गांधी यात्रा, यशवंत सिन्हा बोले- दमनकारी है मोदी सरकार

सीएए और एनआरसी को लेकर निकाली गई गांधी यात्रा आज सोमवार को लखनऊ पहुंची, जहां पर पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने सीएए पर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा और सरकार को दमनकारी करार दिया.

पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा (फाइल-PTI) पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा (फाइल-PTI)
शिवेंद्र श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 27 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 3:01 PM IST

  • CAA के खिलाफ निकली गांधी यात्रा
  • लखनऊ में अखिलेश ने किया स्वागत
  • केंद्र-राज्य सरकार पर बरसे यशवंत

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ निकाली गई गांधी यात्रा आज सोमवार को लखनऊ पहुंच गई. पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा और पूर्व सांसद शत्रुघ्न सिन्हा के नेतृत्व में गांधी यात्रा कुछ दिन पहले मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया से शुरू की गई थी.

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लखनऊ पहुंचने पर गांधी यात्रा का स्वागत पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किया. इस दौरान मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए यशवंत सिन्हा ने कहा कि सरकार ने कुछ ऐसे कदम उठाए हैं, जिससे कि देश में कोलाहल और अशांति बनी हुई है.

सरकार दमनकारीः यशवंत

उन्होंने आगे कहा कि एनआरसी को लेकर देश मे लोग डरे हुए हैं और आंदोलनरत हैं. ऐसे में सरकार को चाहिए था कि लोगों से बात करें और उन्हें बताएं, लेकिन सरकार कुछ नहीं कर रही है. सरकार दमनकारी है. इस मामले मे सबसे खराब स्थिति उत्तर प्रदेश में है. जहां-जहां बीजेपी की सरकार है, वहां हालात ऐसे ही हैं.

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अर्थव्यवस्था पर हमला बोलते हुए यशवंत सिन्हा ने कहा कि देश की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है. उसकी चिंता सरकार को नहीं है. सरकार इसके बजाए ध्यान भटकाने का काम कर रही है. इसी शहर में आकर गृह मंत्री अमित शाह ने बोला कि हम एनआरसी से एक इंच पीछे नहीं हटेंगे. ये शोभा देता है उन्हें.

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यशवंत सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिस तरह के बयान दे रहे हैं, वो कैसी भाषा है. बेहद अशांत माहौल है, इसलिए हमने गांधी शांति यात्रा शुरू की है. ये तीस तारीख को दिल्ली के राजघाट पर पहुंचेगी.

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उन्होंने कहा कि ये कानून देश के मौलिक ढांचे के खिलाफ है. इस कानून को बनाने की जरूरत ही नहीं थी. सरकार वैसे ही जिसे चाहे नागरिकता देने से मना कर सकती है.

यशवंत सिन्हा ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने आरबीआई से एक लाख पैतालीस हजार करोड़ रुपये लिया और चंद बड़े कॉरपोरेट्स को टैक्स रिलीफ के रूप में दे दिया. सरकार दिवालिया हो गई है. सरकार पागल हो गई है. हो सकता है कि केंद्र कई विपक्षी शासित राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगा दे.

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