
उत्तर प्रदेश में कैबिनेट विस्तार के पहले सोमवार को अखिलेश सरकार ने मंत्री मनोज पांडे को बर्खास्त कर दिया. बताया जाता है कि पांडे की जगह नारद राय ले सकते हैं.
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव चार साल के अंदर सातवीं बार अपनी कैबिनेट का विस्तार करने जा रहे हैं. प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक सोमवार सुबह 11 बजे राजभवन में नए मंत्रियों को शपथ दिलाएंगे. माना जा रहा है कि यह चुनाव के पहले का आखिरी कैबिनेट विस्तार होगा.
शिवपाल हुए नाराज
वहीं खबर है कि शिवपाल यादव कैबिनेट विस्तार में शामिल नहीं होंगे. वह कैबिनेट विस्तार से पहले ही गृहनगर इटावा वापस लौट चुके हैं. माना जा रहा है कि कौमी एकता दल के विलय से हुई किरकिरी के बाद वे पार्टी से नाराज हैं. शिवपाल ने ही मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल का सपा में विलय कराया था. बाद में अखिलेश ने विलय रद्द कर दिया था.
घर लौटे नाराज शिवपाल
शिवपाल यादव को बंजर जमीन की चिंता यूं ही नहीं सता रही है. कौमी एकता दल की समाजवादी पार्टी में विलय को लेकर जिस तरह से उनकी फजीहत हुई है, वह किसी से छिपी नहीं है. यह बात बिल्कुल साफ है की बैठक तो सिर्फ बहाना है शिवपाल यादव अपनी नाराजगी दिखाने के लिए इटावा चले गए हैं.
कौमी एकता दल को समाजवादी पार्टी में शामिल कराने में, बलराम यादव के साथ शिवपाल यादव ने सबसे बड़ी भूमिका निभाई थी. लेकिन मुख्यमंत्री ऐसे नाराज हुए की बलराम सिंह यादव को ही मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया था.
इस खींचतान के बीच शनिवार को जब समाजवादी पार्टी की पार्लियामेंट्री बोर्ड की बैठक हुई तो उसमें शिवपाल यादव बिल्कुल अकेले पड़ गए. यहां तक कि रामगोपाल यादव ने भी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का साथ दिया. आखिर में समझौता यह हुआ की बलराम सिंह यादव को फिर से मंत्री बना दिया जाए, और कौमी एकता दल से पल्ला छुड़ा लिया जाए.
बलराम यादव की होगी वापसी
मुलायम सिंह यादव के करीबी माने जाने वाले, बलराम यादव के मंत्रिमंडल में वापसी से उनकी इज्जत तो बच गई, लेकिन शिवपाल यादव के के पास फजीहत के अलावा कुछ भी नहीं बचा.
मंत्रिमंडल विस्तार में वरिष्ठ मंत्री आजम खान भी मौजूद नहीं थे, जो मेरठ के एक कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे हैं.