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मायावती ने फिर केंद्र को घेरा, दंगों पर दोहरा मापदंड अपना रही सरकार

उन्होंने कहा कि जिस तरह की हथियार यात्रा बीजेपी कार्यकर्ताओं द्वारा बंगाल में निकाली गई, वैसे ही हथियार को लेकर कासगंज में लोग निकले थे जिसके बाद वहां दंगा हुआ था, लेकिन केंद्र सरकार दोहरा मापदंड अपना रही है.

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती (फाइल फोटो) उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती (फाइल फोटो)
कुमार अभिषेक
  • लखनऊ,
  • 28 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 8:22 PM IST

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती एक बार केंद्र सरकार पर हमलावर हो गई हैं. इस बार उन्होंने सरकार पर बिहार और बंगाल में हो रहे दंगों को लेकर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया है. मायावती के इस स्टैंड पर तृणमूल कांग्रेस की नेता और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनका शुक्रिया अदा किया है.

मायावती का आरोप है कि बंगाल और बिहार में दंगे के मामले में केंद्र सरकार दोहरा रवैया अपना रही है. उनके अनुसार ये दोहरा मापदंड इसलिए अपनाया जा रहा है क्योंकि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार है जबकि बिहार में बीजेपी गठबंधन की सरकार है.

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उन्होंने कहा कि जिस तरह की हथियार यात्रा बीजेपी कार्यकर्ताओं द्वारा बंगाल में निकाली गई, वैसे ही हथियार को लेकर कासगंज में लोग निकले थे जिसके बाद वहां दंगा हुआ था, लेकिन केंद्र सरकार दोहरा मापदंड अपना रही है.

मायावती ने सख्त तेवर अपनाते हुए कहा कि हथियार लेकर निकलना और हथियार लहराना फैशन बनता जा रहा है. किसी भी पार्टी को कानून से खिलवाड़ करने की इजाजत नहीं होनी चाहिए.

बिहार और बंगाल में जारी दंगों पर केंद्र के दोहरे रवैए पर सवाल उठाते हुए मायावती ने कहा कि बिहार में दंगों पर रिपोर्ट तक नहीं मांगी जाती जबकि बंगाल से रिपोर्ट मंगाई जा रही है.

उन्होंने कहा, 'यह षड्यंत्रपूर्ण है कि एक केंद्रीय मंत्री का बेटा सार्वजनिक रूप से हथियार लहराता है तो उसे बचाया जाता है जबकि तृणमूल सरकार के खिलाफ षड्यंत्र किया जा रहा है.'

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मायावती की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि ऐसे ही बिना उचित कानूनी अनुमति के तिरंगा यात्रा निकालने के कारण उत्तर प्रदेश के कासगंज में साम्प्रदायिक दंगा भड़क उठा था और योगी सरकार के दामन पर भी दंगा का दाग लग गया था. उन्होंने कहा सरकार को सलाह देते हुए कहा कि इन सब चीजों से सख्ती से निपटने की जरुरत है. और यह तभी संभव है जब केंद्र सरकार तटस्थ और निष्पक्ष होकर व्यवहार करे, लेकिन अभी तक यह देखने को नहीं मिल रहा.

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