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मायावती ने फिर छेड़ा 'आरक्षण राग', अब इनके लिए रखी आर्थिक आधार की मांग

बहुजन समाजवादी पार्टी मांग करती है कि इन तमाम वर्गों को प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण दिया जाए. साथ ही जो गरीब तबके के लोग हैं चाहे वह किसी भी धर्म या समाज के हों, उनको भी आर्थिक आधार पर आरक्षण मिलना चाहिए.

मायावती मायावती
कौशलेन्द्र बिक्रम सिंह/अशोक सिंघल
  • नई दिल्ली,
  • 08 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 5:58 AM IST

आरक्षण मुद्दे को और आगे ले जाते हुए बहुजन समाजवादी पार्टी की सुप्रीमो मायावती का कहना है कि बहुजन समाजवादी पार्टी हमेशा से दलितों, आदिवासियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लोगों को प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण दिए जाने के लिए केंद्र सरकार से मांग करती रही है. लेकिन हम यह भी चाहते हैं कि इनको आरक्षण देने के साथ-साथ अपर कास्ट समाज, मुस्लिम और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यक समाज के गरीब लोगों को भी आर्थिक आधार पर अलग से आरक्षण देने की व्यवस्था सरकार को करनी चाहिए.

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मायावती का कहना है कि देश में जब से केंद्र और राज्य सरकारों के बड़े-बड़े और महत्वपूर्ण सरकारी कार्य अधिकतर प्राइवेट सेक्टर को दिए जा रहे हैं. तब से ही बहुजन समाजवादी पार्टी समाज के शोषित, पीड़ित, दलितों, आदिवासियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण दी जाने के लिए केंद्र सरकार से लगातार मांग कर रही है. लेकिन इन वर्गों को मुख्यधारा से जोड़कर इनके जीवन में भी थोड़ा बुनियादी और आवश्यक सुधार लाने के लिए कोई भी सरकार तैयार नहीं हुई. इसलिए बहुजन समाजवादी पार्टी मांग करती है कि इन तमाम वर्गों को प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण दिया जाए. साथ ही जो गरीब तबके के लोग हैं चाहे वह किसी भी धर्म या समाज के हों, उनको भी आर्थिक आधार पर आरक्षण मिलना चाहिए.

मायावती ने आरक्षण के मुद्दे पर नीतीश कुमार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि बिहार में बीजेपी के साथ सत्ता में बैठे लोगों को केंद्र में अपनी गठबंधन की सरकार से इन वर्गों को प्राइवेट सेक्टर में भी आरक्षण देने की केवल मांग करने की बजाय इन्हें इसमें सीधा आरक्षण ही दिलवाना चाहिए. यह ज्यादा बेहतर होगा.

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मायावती का कहना है कि इस मामले में केवल बयानबाजी करके मीडिया में सुर्खियां बटोर कर सस्ती राजनीति प्राप्त करने से काम चलने वाला नहीं है. बल्कि बिहार के मुख्यमंत्री को पहले अपने स्तर पर ही कुछ काम करके भी दिखाना चाहिए. मायावती ने मांग की है कि इन वर्गों के सरकारी नौकरी में पदोन्नति में आरक्षण को भी संवैधानिक संशोधन के जरिए प्रभावशाली बनवाना चाहिए.

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