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नीतीश बोले- देशभर में प्राइवेट सेक्टर में भी मिले आरक्षण, BJP सांसद ने भी दिया साथ

बिहार में आउटसोर्सिंग के तहत होने वाली भर्तियों में भी आरक्षण देने के फैसले के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्राइवेट सेक्टर में भी आरक्षण लागू करने की वकालत की है. नीतीश कुमार ने इस बारे में मीडिया से बातचीत में कहा, 'मेरी राय है कि प्राइवेट सेक्टर में भी आरक्षण लागू किया जाना चाहिए. राष्ट्रीय स्तर पर इसे लेकर चर्चा जरूर की जानी चाहिए.'

नीतीश कुमार की फाइल फोटो नीतीश कुमार की फाइल फोटो
साद बिन उमर
  • पटना,
  • 06 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 3:00 PM IST

बिहार में आउटसोर्सिंग के तहत होने वाली भर्तियों में भी आरक्षण देने के फैसले के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्राइवेट सेक्टर में भी आरक्षण लागू करने की वकालत की है. नीतीश कुमार ने इस बारे में मीडिया से बातचीत में कहा, 'मेरी राय है कि प्राइवेट सेक्टर में भी आरक्षण लागू किया जाना चाहिए. राष्ट्रीय स्तर पर इसे लेकर चर्चा जरूर की जानी चाहिए.'

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उल्लेखनीय है कि बिहार सरकार ने कॉन्ट्रैक्ट पर रखे गए कर्मचारियों के लिए भी आरक्षण का नियम लागू किया है. यानि जो निजी कम्पनियां सरकारी विभागों को कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों की आपूर्ति करती हैं, उन्हें भी आरक्षण के इस नियम का पालन करना होगा.

नीतीश कुमार ने कहा, "बिहार के रिजर्वेशन एक्ट के अनुरूप ही आउसोर्सिंग में आरक्षण का प्रावधान किया गया है. आउटसोर्स के जरिए जो भी बहाली होगी उसमें आरक्षण का पालन करना होगा. क्योंकि इन कर्मचारियों को भी सरकारी कोष का पैसा जाता है. इसलिए सरकार का नियम इस पर भी लागू होगा. और उन कम्पनियों को इसी अनुरूप इसका पालन करना होगा, जो आउटसोर्स के जरिए सरकार को कर्मचारी उपलब्ध कराती हैं."

हालांकि नीतीश का मानना है कि सरकारी विभागों को ज्यादा आउटसोर्सिंग नहीं करना चाहिए. इसके उलट किसी न किसी सरकारी विभाग की ओर से समय-समय पर आउटसोर्सिंग की डिमांड होती रहती है.

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नीतीश ने कहा, "ऐसे में आउटसोर्सिंग में अगर आरक्षण का नियम लागू नहीं होगा तो ऐसी स्थिति भी आ सकती है, जब विभागों में आउटसोर्स के जरिए नियुक्त कर्मचारियों की संख्या बढ़ जाए. फिर आरक्षण का क्या मतलब रह जाएगा. जो इस नियम को नहीं जानते हैं, वही इस पर सवाल उठाते हैं. जिसको बुनियादी जानकारी नहीं होगी वही इस पर बहस छेड़ेगा."

उन्होंने कहा कि निजी कम्पनियां जो सरकार का काम करती हैं, उन पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. ऐसा इसलिए करना पड़ा क्योंकि कॉन्ट्रैक्ट पर नियुक्त कर्मचारी अपना एसोसिएशन बनाकर स्थायी करने की मांग भी समय-समय पर करते रहते हैं. ऐसे में अगर इन नियमों को नहीं लागू किया जाएगा तो सरकारी प्रावधानों को कैसे लागू किया जा सकेगा.

उन्होंने यह भी कहा कि गुजरात में वह पाटीदारों के आरक्षण के मुद्दे पर आज भी अपने स्टैंड पर कायम हैं.

वहीं नीतीश कुमार की इस मांग पर बीजेपी सांसद हुकुमदेव नारायण का भी साथ मिलता दिख रहा है. नारायण से जब इस बारे में प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा, 'यह मुद्दा उठाने के लिए मैं नीतीश कुमार को बधाई देता हूं. हां यह सही मांग हैं, राष्ट्रीय स्तर पर इस पर जरूर मंथन किया जाना चाहिए.'

बता दें कि नीतीश सरकार ने बुधवार को अपने मंत्रिमंडल की बैठक में आउटसोर्सिंग के तहत प्रदान ओैर प्राप्त की जाने वाली सेवाओं में आरक्षण लागू करने की मंजूरी दी. अब तक इन नियुक्तियों में आरक्षण लागू नहीं होता था. ऐसे में बिहार इस तरह देश का पहला राज्य बन गया.

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कैबिनेट बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए मंत्रिमंडल सचिवालय समन्वय विभाग के प्रधानसचिव ब्रजेश महरोत्रा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि सरकारी स्तर पर की जाने वाली बहाली में आरक्षण के जो प्रावधान लागू हैं, अब आउट सोर्सिंग के तहत प्रदान की जाने वाली सेवाओं में भी उसका पालन होगा.

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