नोटबंदी के 23 दिनों बाद क्या बैंक और एटीएम की हालत सुधर गई है या फिर लोग अभी भी मारे मारे फिर रहे हैं? क्या वेतन मिलने के बाद लोग अपने पैसे बैंक अकाउंट से निकाल पा रहे हैं या
फिर उसके लिए उन्हें धक्के खाना पड़ रहा है. कौन सा बैंक कैसा है? कौन अपने ग्राहकों की मदद कर रहा है और किसने मुसीबत के समय दरवाजे बंद कर दिए हैं? आजतक के संवाददाता बालकृष्ण ने
लखनऊ के अलग-अलग हिस्सों में जाकर एक के बाद एक 10 बैंकों का मुआयना किया यह जानने के लिए कि किस बैंक में हालत क्या है.
- लखनऊ के गोमतीनगर में अंबेडकर स्मारक के पास कई बैंक और एटीएम हैं. यहां मौजूद HDFC बैंक के एटीएम से सिर्फ 2000 के नोट निकल रहे थे, इसी वजह से लोगों की भीड़ भी शायद कम
थी.
- एटीएम के साथ ही मौजूद ब्रांच में भी चेक से 24 हजार रुपये देने से मनाही कर रहे है. अपनी सैलरी लेने पहुंची नीलम दुबे ने जब चैक से 24000 रुपये निकालने चाहे तब उन्हें सिर्फ 10000 रुपये
निकालने के लिए कहा गया. लेकिन आजतक के कैमरे को देखते ही 24000 रुपये के लिए हां कर दी.
- साथ में ही पीएनबी का एटीएम पूरी तरह से ठप था और ना ही कोई गार्ड मौजूद था.
- पंजाब नेशनल बैंक के ठीक बगल में यूनियन बैंक का एटीएम लगा है. यहां पर इक्का-दुक्का लोग थे. गार्ड लोगों को बता रहा था कि सिर्फ ₹2000 के नोट निकल रहे हैं इसलिए कई लोग बिना पैसे
निकाले ही लौट रहे थे क्योंकि उन्हें ₹2000 के नोट को चेंज करने में दिक्कत आ रही है.
- देश के सबसे बड़े बैंक SBI के एटीएम में से भी 2000 के नोट निकल रहे थे लेकिन लोग परेशान हैं कि खुले पैसे कहां से मिलेंगे.
- लखनऊ के पत्रकार पुरम इलाके में सिंडिकेट बैंक के एटीएम पर लंबी लाइन दिख रही थी. लाइन में 15-20 लोग खड़े थे जो कि संकेत दे रहे थे कि यहां 500 के नोट निकल रहे थे. इसी वजह से
लोग 1900 रुपये ही निकाल रहे थे जिससे खुले पैसे मिल सके.
- लखनऊ का दिल कहे जाने वाले हजरतगंज में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम में पहली बार 500 के नोट डाले गए हैं.
- हजरतगंज के ही ICICI बैंक में लोगों की भारी भीड़ थी, लेकिन बैंक वालों ने लोगों को फिर से KYC फॉर्म भरने को कहा जिसके कारण लोगों में गुस्सा है.
- वहीं गवर्नर हाउस के पास एक्सिस बैंक में भीड़ काफी कम थी, सिर्फ 5 से 6 लोग ही लाइन में थे और एटीएम से 500 के नोट भी निकल रहे थे.
- अंत में जब हम रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया पहुंचे तो बैंक का गेट बंद था और आजकल रिसेप्शन तक जाने की अनुमति भी नहीं है. नए पुराने नोटों की आवाजाही की वजह से सुरक्षा भी पहले से बहुत
ज्यादा थी. किसी तरह हम रिसेप्शन तक पहुंच गए लेकिन वहां मौजूद किसी भी आदमी ने मीडिया से बात करने से इंकार कर दिया. लेकिन रिसेप्शन पर ही लेकर बैंक में काम करने वाले कुछ लोग
मिले जो लंच करके लौट रहे थे. उन्होंने बताया कि रिजर्व बैंक दूसरे बैंकों को पैसा दे रहा है लेकिन खुद यहां काम करने वाले लोग अपने अकाउंट से पैसा नहीं निकाल पा रहे हैं.
क्योंकि रिजर्व बैंक के
कर्मचारियों का खाता भी किसी कमर्शियल बैंक में होता है और अपना पैसा निकालने के लिए उन्हें भी बैंक की उसी आपाधापी में शामिल होना होगा. कुछ लोगों ने बताया कि वह चेक लेकर स्टेट बैंक
ऑफ इंडिया गए थे लेकिन रुपया निकाले बिना ही लौटना पड़ा क्योंकि वहां भीड़ बहुत ज्यादा थी.