
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को वाराणसी के बाद दोपहर को जब लखनऊ के अंबेडकर यूनिवर्सिटी पहुंचे तो छात्रों ने रोहित वेमुला की खुदकुशी को लेकर पीएम का विरोध किया. प्रधानमंत्री की सभा में छात्रों ने हंगामा किया और 'मोदी गो बैक' के नारे लगाए, वहीं पीएम ने जब संबोधन शुरू किया तो रोहित का नाम लेते ही भावुक हो उठे.
पीएम मोदी ने अपने भाषण में हैदराबाद में सुसाइड करने वाले रोहित वेमुला का जिक्र करते हुए कहा कि छात्र को सुसाइड करने के लिए मजबूर होना पड़ा. खास बात यह रही कि इस दौरान पीएम भावुक हो गए और कुछ देर चुप रहे. प्रधानमंत्री ने कहा, 'जब ये खबर मिलती है कि मेरे देश के एक नौजवान बेटे रोहित को आत्महत्या करने के लिए मजबूर होना पड़ता है.... (थोड़ी देर की खामोशी) उसके परिवार पर क्या बीती होगी. मां भारती ने अपना एक लाल खोया. कारण अपनी जगह पर होंगे. राजनीति अपनी जगह पर होगी, लेकिन सच्चाई ये है कि मां भारती ने अपना एक लाल खोया.'
प्रधानमंत्री ने कहा कि वह रोहित के मौत की पीड़ा महसूस करते हैं. इससे पहले सभा में हंगामा कर रहे छात्रों को सभा स्थल से बाहर ले जाया गया, जिसके बाद पीएम का संबोधन शुरू हुआ.
यूनिवर्सिटी ने की मुआवजे की घोषणा
इस बीच हैदराबाद यूनिवर्सिटी ने रोहित वेमुला के परिवार को 8 लाख रुपये बतौर मुआवजा देने की घोषणा की है. मुआवजे की राशि का चेक रोहित की मां राधिका को जल्द ही सौंप दिया जाएगा. यूनिवर्सिटी के छात्रों ने प्रशासन ने 50 लाख रुपये मुआवजा की मांग की थी.
यूनविर्सिटी ने वापस लिया निलंबन
गौरतलब है कि इससे पहले छात्रों के दबाव के आगे झुकते हुए हैदराबाद यूनिवर्सिटी ने चार छात्रों का निलंबन वापस ले लिया है, जिन्हें रोहित वेमुला के साथ 17 जनवरी को निलंबित किया गया था. हालांकि, निलंबन करने वाली कमिटी में किसी दलित की मौजूदगी का मुद्दा तूल पकड़ चुका है. केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा था कि दलित छात्रों पर कार्रवाई करने वाली जांच समिति के अध्यक्ष दलित हैं, जबकि एससी एसटी वर्ग के शिक्षक इसे गलत बता रहे हैं.
वाराणसी में भी तोड़ी चुप्पी
गौरतलब है कि हैदाराबद यूनिवर्सिटी के दलित छात्र रोहित वेमुला की खुदकुशी के बाद प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार विरोधियों के निशाने पर है. विपक्ष इसे दलित बनाम गैर दलित का मामला बता रही है, जबकि केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने इसे सिरे से खारिज कर दिया. जबकि मंत्री ने अपने बयान में ईरानी दलित शब्द पर जरूरत से ज्यादा जोर भी दिया.
बहरहाल, अब तक विपक्ष द्वारा उठाए गए दलित मुद्दे पर चुप्पी साधने वाले प्रधानमंत्री मोदी ने वाराणसी में कहा कि उनकी सरकार दलितों, गरीबों और वंचितों की भलाई का काम करने के लिए प्रतिबद्ध है. दिलचस्प बात यह भी रही कि दिव्यांगों (शारीरिक रूप से अक्षम लोगों) के लिए सहायक उपकरण बांटने के कार्यक्रम में मोदी ने रोहित वेमुला प्रकरण का कोई जिक्र नहीं किया. प्रधानमंत्री ने इससे पहले वाराणसी में नई ट्रेन महामना एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई. यह ट्रेन वाराणसी से दिल्ली के लिए चलाई गई है और इसमें कई खास सुविधाएं हैं.
अपने भाषण की शुरुआत में मोदी ने सुबह वाराणसी में हुए एक हादसे का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ दिव्यांग और मिलना चाहता था, पर हादसा हो गया. उन्होंने कहा, 'सरकार उनके इलाज का इंतजाम करवाएगी. दिव्यांग बच्चों की चिंता सामाजिक जिम्मेदारी है. हमें जहां रूल या सिस्टम बदलना होगा, हम बदलेंगे यह सरकार गरीबों के लिए प्रतिबद्ध है और उनकी जिंदगी बदलने के लिए लगातार प्रयास कर रही है.'