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लखनऊ मेट्रो का गुपचुप ट्रायल, कल अखिलेश दिखाएंगे हरी झंडी

1 दिसंबर को उद्घाटन की तारीख को देखते हुए लखनऊ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन की टीम ने सोमवार देर रात मेट्रो कोचों को डिपो से निकालकर सिंगार नगर मेट्रो स्टेशन तक गुपचुप तरीके से चलाकर प्री ट्रायल कर लिया.

मेट्रो मेट्रो
कुमार अभिषेक
  • लखनऊ,
  • 30 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 3:37 AM IST

अखिलेश यादव अपने ड्रीम प्रोजेक्ट लखनऊ मेट्रो को 1 दिसंबर को हरी झंडी दिखाकर इसका उद्घाटन करेंगे, लेकिन लखनऊ मेट्रो का ये उद्घाटन फिलहाल आधे-अधूरे मेट्रो का ही होगा क्योंकि मुख्यमंत्री का ये वादा था कि उन्हें चुनाव के पहले हर हाल में लखनऊ में मेट्रो रेल की शुरुआत कर देनी है. इसलिए चुनावी आचार संहिता के पहले वो इसे हरी झंडी दिखने जा रहे हैं. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चुनावी वायदे को पूरा करने के लिए लखनऊ मेट्रो कारपोरेशन दिन रात लगी है.

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1 दिसंबर को उद्घाटन की तारीख को देखते हुए लखनऊ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन की टीम ने सोमवार देर रात मेट्रो कोचों को डिपो से निकालकर सिंगार नगर मेट्रो स्टेशन तक गुपचुप तरीके से चलाकर प्री ट्रायल कर लिया. अब 1 दिसंबर को सीएम अखिलेश लखनऊ मेट्रो को हरी झंडी दिखाकर आधिकारिक रूप से रवाना करेंगे. इसके लिए एलएमआरसी ने सभी तैयारियां पूरी कर ली है. मेट्रो का सफल ट्रायल रन आलमबाग डिपो से ट्रांसपोर्ट नगर तक हुआ. तकरीबन 5 से 6 किलोमीटर का ये ट्रायल किया गया. एलएमआरसी के तमाम बड़े अफसर ट्रायल में मौजूद रहे और टेक्निकल टीम ने मेट्रो का ट्रायल परीक्षण किया. हालांकि 1 दिसंबर को उद्घाटन तो हो जाएगा, लेकिन उसके बाद भी मेट्रो शुरू नहीं होगा बल्कि अभी कई स्टेशन का काम बाकी है और पहली पब्लिक मेट्रो दौड़ने में अभी छह महीने का वक्त लग सकता है.

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मेट्रो से सड़कों पर कम होगी भीड़
शहर के लिए उच्च क्षमता मास ट्रांज़िट प्रणाली यानि लखनऊ मेट्रो की योजना अंतिम रूप ले चुकी है. लखनऊ में जमीन पर एक किमी मेट्रो पर 15 करोड़ रु का खर्च आएगा, वहीं भूमिगत लाइन में यह बढ़कर 27 करोड़ हो जाएगा. यूपी में कई शहरों में मेट्रो योजनाएं प्रस्तावित हैं. लखनऊ और कानपुर में मेट्रो रेल शुरू होने के बाद सड़कों पर भीड़ काफी कम हो सकेगी. वर्तमान में इन दोनों शहरों में हर महीने लगभग 1 हजार नए चौपहिया वाहनों का पंजीकरण कराया जाता रहा है. लखनऊ में सभी राष्ट्रीय राजमार्गों पर बाइपास बना दिए जाने के बावजूद सड़कों पर गाड़ियों का दबाव बढ़ता ही जा रहा है. इस कारण से यहां मेट्रो जरुरी हो गई है.

लखनऊ शहर में चार मार्गो पर ये मेट्रो बन रही है:

-अमौसी से कुर्सी मार्ग

-बड़ा इमामबाड़ा से सुल्तानपुर मार्ग

-पीजीआई से राजाजीपुरम

और हजरतगंज से फैजाबाद

अखिलेश सरकार ने लखनऊ और नोएडा के अलावा कानपूर, गाजियाबाद, इलाहबाद में मेट्रो रेल चलाने की योजना बनाई है. लखनऊ में हरी झंडी दिखने के बाद अखिलेश यादव के नोएडा भी जाने का कार्यक्रम है, जहां वो एक मेट्रो का उद्घाटन कर मेट्रो की सवारी भी करेंगे. दिसंबर के पहले हफ्ते में अखिलेश यादव कुल 9 योजनाओं का उदघाट्न करेंगे. ये वही योजनाएं हैं जिसका अखिलेश यादव ने 2013 में शिलान्यास किया था.

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अंधविश्वास के चलते नहीं आते नोएडा
नोएडा में भले ही अखिलेश यादव के कार्यक्रम तय हो लेकिन नोएडा से जुड़े एक अंधविश्वास की चर्चा भी खूब है. माना जाता है जिस मुख्यमंत्री ने नोएडा में अपने सरकारी कार्यक्रम किए उसकी सत्ता चली जाती है. अब तक अखिलेश यादव भी नोएडा जाने से बचते रहे है. हालांकि नोएडा के लिए मुख्यमंत्री ने कई योजनाएं दी हैं, लेकिन सबका शिलान्यास और उद्घाटन वो लखनऊ से ही करते रहे हैं. ऐसे में ये देखना दिलचस्प है कि अखिलेश नोएडा में मेट्रो की सवारी का लुत्फ उठाते हैं कि नहीं.

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