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समाजवादी पार्टी में मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल का विलय नहीं होगा. समाजवादी संसदीय दल की बैठक में ये फैसला लिया है. बैठक में बलराम यादव की यूपी कैबिनेट में वापसी पर भी फैसला लिया गया.
बैठक में दिखे अखिलेश के सख्त तेवर
सीएम अखिलेश यादव ने बैठक में कड़ी नाराजगी जताई, उन्होंने कहा कि सपा में मुख्तार एंड कंपनी का विलय नहीं होना चाहिए. सरकार और पार्टी के खिलाफ गलत संदेश जा रहा है. सीएम का विरोध देखकर बैठक में बाकियों ने चुप्पी साध ली. इस फैसले के बारे सपा नेता रामगोपाल यादव ने जानकारी दी.
कौमी एकता दल का सपा में विलय से नाराज थे अखिलेश
दरअसल सपा में कौमी एकता दल के विलय से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बेहद नाराज थे. पार्टी में शामिल किए जाने के फैसले को लेकर शिवपाल यादव और अखिलेश के बीच मतभेद उभरकर सामने आ गए थे. हालांकि शिवपाल ने किसी भी तरह के मतभेद से इनकार किया था.
बलराम यादव की कैबिनेट में वापसी पर मुहर
यही नहीं, अखिलेश की नाराजगी की वजह से मुलायम सिंह यादव के करीबी बलराम यादव की कैबिनेट से विदाई हो गई थी. खबर ये थी कि बलराम यादव से मुख्तार अंसारी की पार्टी की सपा में विलय के लिए बड़ी भूमिका निभाई थी. हालांकि अब जब फैसला अखिलेश यादव हक में गया है तो फिर बलराम यादव की भी कैबिनेट में वापसी पर मुहर लगा दी गई है.
'आज तक' के कार्यक्रम में खुलकर बोले थे अखिलेश
गौरतलब है कि 'आज तक' के खास कार्यक्रम 'पंचायत आज तक' में अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा था कि उन्हें मुख्तार अंसारी जैसे लोगों को पार्टी में नहीं चाहते हैं. हालांकि उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर आपस में बातचीत के जरिए सुलझा लिया जाएगा.