Advertisement

केंद्र से मिले राहत पैकेज के करोड़ों रुपये ले उड़ा ये यूपी का नटवरलाल

उत्तर प्रदेश में 2014-15 ओलावृष्टि से बर्बाद हुई फसलों के लिए किसानों को राहत के लिए केन्द्र सरकार के तरफ से दिए गए मुआवजे में करोड़ों रुपये का घोटाला सामने आया है.

अनूप श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 10 जुलाई 2016,
  • अपडेटेड 6:31 AM IST

उत्तर प्रदेश में 2014-15 ओलावृष्टि से बर्बाद हुई फसलों के लिए किसानों को राहत के लिए केन्द्र सरकार के तरफ से दिए गए मुआवजे में करोड़ों रुपये का घोटाला सामने आया है. किसानों का मुआवजा चेक के जरिए दिया जाना था. लेकिन संभल के रहने वाले जालसाज किशन कुमार ने फर्जीवाड़ा कर 273 एकाउंटपेई चेकों के करोड़ों रुपये हजम कर लिए, इसमें आपदा राहत विभाग के कर्मचारियों के भी शामिल होने की आशंका जताई जा रही है.

Advertisement

14 व्यापारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज
दरअसल मास्टमाइंड किशन यादव किसानों को दिए जाने वाली धनराशि के चेकों को संभल के व्यापारियों के अकाउंट में डाल देता था और इसके बदले में किशन संभल के व्यापारियों से अपनी सुविधानुसार सामान उधार लेता था. मामले का खुलासा होने के बाद बदायूं के बिल्सी के एसडीएम ने ने संभल के 14 व्यापारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है. वहीं व्यापारियों ने संभल में मास्टरमाइंड किशन यादव के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

मास्टरमाइंड किशन यादव संभल का रहने वाला
किसान राहत राशि में करीब 2 करोड रुपये के घोटाले का मास्टरमाइंड किशन यादव संभल के थाना बहजोई का रहने वाला है. करोडों रुपये के इस घोटाले में किशन यादव के साथ सरकारी अफसरों के साथ ही लेखपाल, व्यापारी और बैंक स्टाफ भी जुड़ा है. किशन ने साल पहले जारी हुए आपदा राहत चैकों में गलत तरीके से तारीख, नाम और धनराशि बदलकर दिल्ली से लेकर संभल तक के बैंक मैनेजरों से सेटिंग कर सरकारी पैसों को किसानों के खातों की जगह अपने चहेतों के खातों में ट्रांसफर करवा देता था.

Advertisement

इस तरह हुआ घोटाले का खुलासा
इस मामले का खुलासा तब हुआ जब ओलावृष्टि से बर्बाद फसलों की किसानों ने आला अधिकारियों से राहत राशि के चेक देने की मांग की. आला अधिकारियों ने जब मामले की पड़ताल की तो इस फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ. खुलासा होते ही एसडीएम ने थाना बिल्सी में 14 लोगों को नामजद करते हुए एफआईआर दर्ज करा दी. एफआईआर दर्ज होते ही घोटाले में शामिल लोगों में हड़कंप मच गया.

बदायूं में भी सामने आया मामला
किसानों के साथ फर्जीवाड़ा कर उनका पैसा हजम करने का एक मामला बदायूं में भी सामने आया है. यहां मुआवजे के तहत बदायूं की तहसील बिल्सी में 6 करोड़ से अधिक रुपया आया और तहसील प्रशासन ने 8000 से ज्यादा लोगों को मुआवजे के चेक वितरित किए. सारे चेकों का भुगतान तहसीलदार के नाम से खुले बैंक से किया गया. सभी चेक 750 से 4500 रुपये के बीच के वितरित किए गए थे.

फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद हड़कंप
तहसीलदार बालकराम ने जून 2016 में अपने अकाउंट का स्टेटमेंट मंगाया. स्टेटमेंट में उन्होंने देखा की कई चेक का भुगतान 4500 रुपये के कई अधिक हुआ है. फिर तहसीलदार ने इसका पूरा ब्योरा तैयार किया और पाया कि 273 चेक ऐसे हैं जिनसे जालसाजी से रुपया निकाला गया है, वो भी उन व्यक्तियों के नाम रुपया निकला है जिनको चेक जारी भी नहीं हुए. ये घपला तकरीबन 63 लाख रुपयों का निकला. इस फर्जीवाड़े की सूचना तहसीलदार ने तुरंत पुलिस को दी और पुलिस ने मुकदमा कायम कर जांच शुरू कर दी है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement