Advertisement

Exclusive: नई पार्टी बनाने के सवाल पर बोले शिवपाल यादव- दिवाली के बाद बताएंगे

शिवपाल यादव के करीबी और सपा के पूर्व नेता और राज्यसभा सांसद अमर सिंह इन दिनों बीजेपी के कार्यक्रमों में दिख रहे हैं. इतना ही नहीं यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ भी उनकी नजदीकियां बढ़ती दिख रही है.

शिवपाल यादव से खास बातचीत शिवपाल यादव से खास बातचीत
परमीता शर्मा/कुमार अभिषेक
  • लखनऊ,
  • 20 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 7:36 AM IST

पिछले लंबे समय से समाजवादी पार्टी में चल रही उठापटक के बीच अलग-थलग पड़े शिवपाल यादव और उनके समर्थकों की गतिविधियां अचानक तेज हो गई हैं. प्रदेश भर में शिवपाल यादव के नाम से कई संगठन बन चुके हैं, जो अपनी अलग गतिविधि चला रहे हैं. जिन्हें परोक्ष तौर पर शिवपाल यादव का वरदहस्त भी प्राप्त है.

शिवपाल यादव के करीबी और सपा के पूर्व नेता और राज्यसभा सांसद अमर सिंह भी इन दिनों बीजेपी के कार्यक्रमों में दिख रहे हैं. इतना ही नहीं यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ भी उनकी नजदीकियां बढ़ती दिख रही है. ऐसे में शिवपाल यादव को लेकर कयास तेज हो गए हैं कि वह अलग पार्टी बना सकते हैं. या फिर क्या महागठबंधन होने की स्थिति में तीसरे मोर्चे के तौर पर यूपी में सामने आएंगे. इन तमाम मुद्दों पर 'आजतक' ने शिवपाल से बातचीत की.

Advertisement

शिवपाल से पूछे ये सवाल:-

सवाल: आप काफी दिनों से सियासत से दूर हैं क्या नया सोच रहे हैं आप?

जवाब: मैं सियासत से कभी दूर नहीं हो सकता मैं पार्टी का अनुशासित कार्यकर्ता हूं और पार्टी के भीतर अपने हिसाब से चल रहा हूं.

सवाल: कहा जा रहा है कि आप अब अलग सोच रहे हैं और समाजवादी पार्टी से अलग होकर नई राह चुनने की तैयारी है?

जवाब: हमसे जुड़े कार्यकर्ता उपेक्षित महसूस कर रहे हैं और उन कार्यकर्ताओं का मुझ पर काफी दबाव लेकिन अलग राह चुनने जैसी फिलहाल कोई बात नहीं है. मुझे लगता है जो होगा अच्छा होगा.

सवाल: क्या यह सही है कि पार्टी में आप हाशिए पर हैं और पार्टी के भीतर आपकी बात की कोई अहमियत नहीं है?

जवाब: देखिए ऐसा मैं नहीं कह सकता, मैं इतना कह सकता हूं कि मेरे कार्यकर्ताओं का दबाव मेरे ऊपर है, जिसे मैं महसूस कर रहा हूं लेकिन एक बार अगर पूरा परिवार बैठेगा तो सब ठीक हो सकता है.

Advertisement

सवाल: तो क्या सुलह की कोशिश परिवार के भीतर होगी.

जवाब: परिवार के भीतर भी बहुत ज्यादा समस्या नहीं है,  लेकिन कोई भी फैसला लेने के पहले एक बार पूरे परिवार के साथ बैठेंगे. मुझे उम्मीद है कि परिवार के भीतर जब हम सब एक साथ बैठेंगे तो कोई सकारात्मक रिजल्ट निकलेगा.

सवाल: आपके लोगों की गतिविधियां अलग चल रही हैं और लोहिया ट्रस्ट आपके नई गतिविधि का केंद्र है.

जवाब: हमारे कार्यकर्ता हमसे मिलने के लिए हमारे घर पर आते थे, लेकिन अब उनकी तादाद बढ़ने लगी है ऐसे में लोहिया ट्रस्ट में अब उनसे मुलाकात हो रही है. इसमें अलग से कुछ देखने जैसी बात नहीं है.

सवाल: तो क्या यह माना जाए कि आप जल्द ही कोई अलग राह पकड़ेंगे.

जवाब: अलग राह पकड़ेंगे जैसी कोई बात मैं नहीं कह सकता, लेकिन अगले कुछ हफ्तों में कुछ नई बात जरूर हो सकती है लेकिन इसका खुलासा मैं अभी नहीं कर सकता.

सवाल: क्या इस बारे में आपकी अखिलेश यादव से कोई बात या मुलाकात हुई है?

जवाब: जब-जब मेरी जरूरत हुई मैं पार्टी में खड़ा रहा हूं, चाहे राज्यसभा चुनाव के वोटिंग की बात हो या फिर ईद की इफ्तार की पार्टी की. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष  ने जब-जब मुझे बुलाया है, मैं गया हूं. लेकिन उससे ज्यादा मेरी कोई बात अखिलेश यादव से नहीं हुई. राज्यसभा में वोटिंग के दौरान उन्होंने मुझसे बात की थी और फिर ईद की इफ्तार पार्टी के लिए उन्होंने आमंत्रित किया था इसके अलावा मेरी कोई बात अखिलेश यादव से नहीं हुई.

Advertisement

सवाल: अमर सिंह आपके करीबी हैं और इन दिनों बीजेपी से अमर सिंह की काफी नजदीकी भी देखी जा रही है. माना जा रहा है आप भी बीजेपी के नजदीक जा सकते हैं.

जवाब: अमर सिंह से मेरी कोई बात नहीं हुई है. हमारी आखिरी बार बात हुए भी कई महीने बीत गए है, उनके पार्टी से बाहर जाने के बाद मैं उनसे न मिला हूं, ना हीं कोई बात हुई है.

सवाल: रामगोपाल यादव से अब आपके रिश्ते कैसे हैं क्योंकि सबसे ज्यादा तल्खी उन्हीं से थी?

जवाब: रामगोपाल से मेरी कोई तल्खी नहीं है, मेरे रिश्ते बहुत अच्छे हैं अब कोई गिला शिकवा नहीं है.

सवाल: गठबंधन को लेकर आपकी क्या राय हैं? क्या लगता है कि मायावती और समाजवादी पार्टी के एक होने पर बीजेपी के लिए उत्तर प्रदेश जीतना असंभव है?

जवाब: गठबंधन के मामले पर में कुछ भी नहीं बोलूंगा, इस पर मेरा बोलना ठीक भी नहीं है.

सवाल: आपको क्या लगता है कि आप उत्तर प्रदेश में नई पार्टी बनाएंगे?

जवाब: दिवाली के बाद बताएंगे (हंसते हुए).

बता दें कि समाजवादी कुनबे में लंबे समय से चली आ रही कलह उस समय दोस्ती में तब्दील होती दिखी जब पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव के 72वें जन्मदिन के मौके पर उनके धुर विरोधी माने जाने वाले शिवपाल यादव साथ नजर आए. इतना ही नहीं दोनों ने मिलकर केक भी काटा था और बाद में रामगोपाल ने शिवपाल को केक खिलाया भी था.

Advertisement

बाद में यह खबरें भी सामने आईं कि चाचा-भतीजे (शिवपाल और अखिलेश यादव) की लड़ाई अब सुलह की ओर बढ़ रही है और शिवपाल यादव को सपा का राष्ट्रीय महासचिव बनाया जा सकता है. कहा यह तक गया कि यह लगभग तय है कि शिवपाल यादव को पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाया जाएगा, इस बात की औपचारिक घोषणा होना बाकी है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement