
समाजवादी पार्टी के साइकिल के पहियों को घूमते हुए 25 साल हो गए. 25 साल पहले लखनऊ के ही बेगम हजरत महल पार्क में जब मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी की स्थापना की थी तब से पार्टी एक लंबा सफर तय कर चुकी है. इस पार्टी के दम पर ही मुलायम सिंह यादव तीन बार खुद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने, देश के रक्षा मंत्री बने और सबसे कम उम्र में उनके बेटे अखिलेश यादव की भी ताजपोशी हुई.
पार्टी की 25वीं सालगिरह को यादगार और शानदार बनाने के लिए मुलायम सिंह यादव ने अपनी पूरी ताकत लगाई है. लखनऊ के जिस जनेश्वर मिश्र पार्क में पार्टी का रजत जयंती समारोह शनिवार को हो रहा है उसे एशिया के सबसे बड़े पार्क में से एक कहा जाता है. अखिलेश यादव को अपने जिन कामों पर फक्र है उसने यह पार्क बनवाना में शामिल है. लेकिन 5 नवंबर को इस पार्क में लाखों की भीड़ जुटाने की जिम्मेदारी है उनके चाचा शिवपाल यादव उठा रहे हैं जिनसे आज कल उनकी ठनी हुई है.
रजत जयंती समारोह ऐसे मौके पर हो रहा है जब पार्टी से लेकर परिवार में घमासान मचा हुआ है और कहां जा रहा है कि शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के बीच शक्ति प्रदर्शन की होड़ है. मुलायम सिंह यादव 25वीं सालगिरह किन परिस्थितियों में मना रहे हैं इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि समारोह की पूरी जिम्मेदारी उसी गायत्री प्रजापति को दी गई है जिसे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बिल्कुल पसंद नहीं करते और अपने मंत्रिमंडल से बाहर निकाल चुके थे. पार्टी के जिन युवा नेताओं ने अखिलेश यादव की रथयात्रा के पीछे अपनी पूरी ताकत लगाई वह सब पार्टी के बाहर हैं और पार्टी के रजत जयंती समारोह में उनको नहीं बुलाया गया है. लेकिन वह कह रहे हैं कि वह इस समारोह में जाकर रहेंगे.
तैयारियों का जायजा लेने आए शिवपाल यादव ने कहा कि जो पार्टी के बाहर हैं उन्हें यहां बुलाने का सवाल ही नहीं पैदा होता. अखिलेश यादव रजत जयंती समारोह में मंच पर मौजूद तो होंगे लेकिन वैसे ही बेमन से जैसे उनकी रथयात्रा समारोह के मंच पर शिवपाल यादव थे. रजत जयंती समारोह की सबसे बड़ी खासियत होगी जनता परिवार के नेताओं का यहां जितना जिसके लिए शिवपाल यादव और मुलायम सिंह यादव ने खासी मेहनत की है. पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा से लेकर शरद यादव, अजीत सिंह, चौटाला और लालू यादव सब मंच पर मौजूद होंगे.
जनेश्वर मिश्र पार्क में तैयारियां पूरी की जा चुकी है जिसका जायजा लेने शिवपाल यादव और गायत्री प्रजापति शुक्रवार की शाम को पहुंचे. तैयारियों के रिपोर्ट मुलायम सिंह यादव पल-पल ले रहे थे. तैयारियों के बारे में पूछने के लिए शुक्रवार को मुलायम सिंह यादव खुद चलकर शिवपाल यादव के घर गए थे. मुलायम सिंह ने कहा कि माइक का खास ध्यान रखा जाए क्योंकि रथयात्रा के समारोह में जो माइक था वह अच्छा नहीं था. मुलायम सिंह ने यह भी निर्देश दिया की समारोह में जो महिलाएं आए उन्हें आगे बैठाने का इंतजाम किया जाए.
मुलायम सिंह की तरफ से यह भी निर्देश दिया गया था कि मीडिया में बेहतर कवरेज के लिए सारा इंतजाम किया जाए. इन निर्देशों को देखते हुए शाम को मीडिया के मंच को बड़ा किया गया और माइक की खास तौर पर टेस्टिंग की गई. समारोह के लिए शानदार पंडाल बनाया गया है लेकिन पांडाल में कुछ हजार ही लोग आ सकेंगे. इसीलिए बाहर पार्क में कुर्सियां लगाई जा रही हैं और LED स्क्रीन का इंतजाम किया जा रहा है ताकि लोग आराम से बैठकर समारोह का आनंद ले सकें.
तैयारियों का जायजा लेते हुए शिवपाल यादव ने आज तक से खास बातचीत में अपने पुराने दिन याद किए और कहा कि जब वह खुद साइकिल से चलते थे उसी समय से पार्टी के लिए संघर्ष कर रहे हैं. गायत्री प्रजापति का दावा है कि समारोह इतना शानदार होगा कि लोगों को याद रहेगा. मुख्यमंत्री के बगल में एक छोटा मंच बनाया गया है जिस पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा. पार्टी में मचे घमासान और सर पर चुनाव के बीच मुलायम सिंह यादव जनता परिवार के अपने साथियों को जुटाकर यह संदेश देना चाहते हैं कि वह चुनौतियों के बीच घबराने वाले व्यक्ति नहीं हैं.
बिहार की तरह उत्तर प्रदेश में भी कांग्रेस, जेडीयू, राष्ट्रीय लोकदल के साथ तालमेल करके समाजवादी पार्टी सत्ता की रेस में फिर जोरदार तरीके से शामिल होना चाहती है. खुद अखिलेश यादव यह मानते हैं कि पार्टी में जो कुछ हुआ उसे पार्टी पिछड़ गई है. लेकिन क्या जोरदार तरीके से मनाया गया पार्टी का रजत जयंती समारोह परिवार के बीच की खाई को ढंक सकेगा? इस सवाल पर सबकी नजर होगी और कार्यकर्ता भी यह देखना चाहेंगे की शिवपाल और अखिलेश के बीच की दूरी इस ऐतिहासिक मौके पर भी मिलेगी या नहीं.