
गुरुवार को लखनऊ के लॉ मार्टीनियर ग्राउंड में अखिलेश यादव की रथ यात्रा के लिए लोग तो सुबह से ही जुटना शुरू हो गए थे. लेकिन सबकी निगाहें इस बात पर लगी थी कि रथ यात्रा को झंडी दिखाने के लिए मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव आते हैं या नहीं. कार्यक्रम का समय 9:00 बजे तय था, लेकिन 10:00 बजे के करीब पहले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव मंच पर आए. तब तक मैदान खचाखच भर चुका था. अखिलेश यादव जिंदाबाद के नारे लगे रहे थे कि मुलायम सिंह और शिवपाल यादव साथ पहुंच गए.
अखिलेश यादव ने राहत की सांस ली. मंच पर उनके मंत्रिमंडल के तमाम मंत्री पहले से मौजूद थे. यही नहीं वो पूर्व मंत्री भी मौजूद थे जिन्हें अखिलेश यादव ने बर्खास्त कर दिया है. इसी तरह अखिलेश यादव के समर्थक वो नेता भी मंच पर मौजूद थे जिन्हें शिवपाल यादव ने पार्टी से बाहर कर दिया है.
लेकिन समाजवादी पार्टी में मचे घमासान के बीच इन लोगों का साथ आना सिर्फ दिखाने के लिए था. जैसे ही इन नेताओं ने बोलना शुरू किया बात साफ हो गई कि दरार मिटी नहीं है. शिवपाल यादव मंच पर काफी असहज दिख रहे थे क्योंकि वहां मौजूद भीड़ सिर्फ अखिलेश के समर्थकों की थी और नारे भी उन्हीं के लग रहे थे. मंच पर अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव और बच्चे भी आए थे.
अपने छोटे से भाषण में शिवपाल यादव ने अखिलेश को शुभकामनाएं तो दी, लेकिन दोबारा मुख्यमंत्री बनने के लिए अखिलेश यादव का नाम लेने के बजाए फिर से समाजवादी पार्टी की सरकार बनाने की बात कही. शिवपाल यादव जब बोल रहे थे तब भी अखिलेश जिंदाबाद के नारे ही लग रहे थे. अखिलेश भी बड़े गौर से सुन रहे थे कि चाचा कहीं कोई गुल न खिला दें. लेकिन शिवपाल यादव छोटे से भाषण के बाद अपनी कुर्सी पर आकर बैठ गए.
अखिलेश यादव जब बोलने के लिए उठे तो तमाम नेताओं का नाम संबोधन में लिया. लेकिन चाचा शिवपाल का नाम लेने के बजाए सिर्फ प्रदेश अध्यक्ष कहकर काम चला लिया. अखिलेश यादव ने समर्थकों से कहा कि उनका रथ महीने भर पहले निकलना था लेकिन कुछ षड्यंत्र की वजह से कदम कुछ लड़खड़ा गए हैं. अखिलेश ने अपने सरकार के कामकाज के दम पर दोबारा सत्ता में लौटने को लेकर भरोसा जताया.
जब मुलायम सिंह यादव बोलने को उठे तो अखिलेश यादव खासे नर्वस दिख रहे थे. मुलायम सिंह ऐसे कई सार्वजनिक मंच से अखिलेश की बुरी तरह खिंचाई कर चुके हैं और अखिलेश यादव को डर था कि कहीं आज भी नेताजी रंग में भंग न डाल दें.
मुलायम सिंह यादव ने अपने भाषण का ज़्यादा हिस्सा अखिलेश यादव या उनकी सरकार के बजाय भारत पाकिस्तान के रिश्ते और सीमा पर हो रहे संघर्ष को समर्पित किया. मुलायम सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शहीदों के परिवारों से जाकर मिलना चाहिए. इसी बीच अब अखिलेश यादव के समर्थकों ने नारे लगाने शुरू किए तो मुलायम सिंह यादव ने फौरन डांट लगाई और कहा कि नारे लगाने वाले लाठी चलाते समय गायब हो जाते हैं.
अखिलेश यादव चुपचाप मुस्कराकर सुनते रहे जब मुलायम सिंह ने कहा कि यह पार्टी उन लोगों की वजह से बनी है जिन्होंने लाठी खाई और पुलिस के डंडों के सामने भी डटे रहे. लेकिन जिस हाइटेक रथ को लेकर इतना कुछ कहा गया था वह सफर शुरू होते ही खराब हो गया और अखिलेश यादव को आगे की यात्रा अपनी गाड़ी में करनी पड़ी.