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कानपुर में नकली शराब से मरने वालों की संख्या 11 हुई, Ex MLA के 2 पोते समेत 6 गिरफ्तार

आईजी कानपुर का कहना है कि नकली शराब सपा के पूर्व विधायक रामस्वरूप के पोते विनय सिंह और नीरज सिंह ने सप्लाई की थी, इस कारण उन पर धारा 60 ए के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई है, जिसमें फांसी की सजा तक का प्रावधान है.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
कुमार अभिषेक
  • नई दिल्ली,
  • 21 मई 2018,
  • अपडेटेड 1:34 PM IST

पिछले दो दिनों में कानपुर शहर और कानपुर देहात में नकली शराब से मरने वालों का आंकड़ा 11 तक पंहुच गया है. सरकारी ठेकों से किस तरह से मौत का व्यापार चलाया जा रहा है, इसका खुलासा दो दिनों में हुए दर्जनभर मौतों से हो गया.

कानपुर शहर में शनिवार को सचेंडी इलाके में पांच की मौत हुई तो इसके अगले दिन रविवार को कानपुर देहात के रूरा में इसी शराब ने पांच लोगों की जान ली, इन मौतों से जागी पुलिस ने सपा के पूर्व विधायक रामस्वरूप सिंह के दो पोतों (विनय सिंह और नीरज सिंह) समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया है, साथ ही आबकारी विभाग के दो अधिकारिओं पर भी इसकी गाज गिरी.

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मामला दर्ज

कानपुर शहर के सचेंडी इलाके में शनिवार को सरकारी ठेके राम बालक के यहां से नकली शराब पीने के बाद पांच लोगों की मौत हो गई थी, जबकि एक की मौत अस्पताल में हो गई. फिर रविवार को कानपुर देहात के रूरा इलाके में सरकारी ठेके से शराब पीकर पांच मर गए जबकि 6 का इलाज चल रहा है.

आईजी कानपुर का कहना है कि नकली शराब सपा के पूर्व विधायक रामस्वरूप के पोते विनय सिंह और नीरज सिंह ने सप्लाई की थी, इस कारण उन पर धारा 60 ए के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई है, जिसमें फांसी की सजा तक का प्रावधान है.

कानपुर देहात में सरकारी दुकान से शराब खरीदकर पीने वाले पांच लोगों की मौत हुई है. इससे पहले सचेंडी में भी इसी तरह पांच लोग मारे गए. इस मामले में शराब सप्लाई करने के मामले में पूर्व विधायक रामस्वरूप सिंह के पोते का नाम सामने आ रहा है. रात में पुलिस ने उनके यहां छापा डालकर बड़ी मात्रा में शराब बरामद भी की है.

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घटना से प्रदेश सरकार परेशान

कानपुर में नकली शराब 11 लोगों की मौत से प्रदेश सरकार भी परेशान हो गई है. खुद उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा रविवार को कानपुर के हैलट हॉस्पिटल पहुंचे और आईसीयू में भर्ती बीमारों का हाल लिया. डिप्टी सीएम ने मुख्यमंत्री की तरफ से सभी मृतकों को 2-2 लाख का मुआवजा और घायलों को इलाज के लिए पचास हजार का मुआवजा देने का ऐलान किया गया. डिप्टी सीएम ने यह साफ किया की इस कांड में दोषी किसी भी अधिकारी या आरोपी को बक्शा नहीं जाएगा.

शराब कांड में सीधे-सीधे आबकारी विभाग को दोषी माना जा रहा है क्योंकि सरकारी दुकानों में प्रतिदिन शराब स्टॉक की जांच की जाती है. ऐसे ये नकली शराब बगैर उनकी मर्जी के नहीं बिक सकती.

आबकारी विभाग भी दोषी-सचिव

खुद आबकारी विभाग की प्रमुख सचिव कल्पना दिवेदी ने कहा कि इस घटना की जांच में यह जानकारी सामने आई है कि ये सरकारी दुकान वाले बाहर से माल लेकर बेच रहे थे, इसमें अब तक कई मौते हुई हैं. इस मामले में आबकारी विभाग भी दोषी है, ऐसी स्थिति में कोई भी अपने को साफ नहीं कह सकता. मैं खुद भी इसकी जिम्मेवार हूं.

शराब कांड में सपा नेता पर आरोप लगने पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उलटा योगी सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए सवाल उठाया कि अगर सपा नेता एक साल से यह काम कर रहा था तो डीएम एसएसपी क्या कर रहे थे बगैर थानेदार की मर्जी के यह नहीं हो सकता था.

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