
योगी सरकार के इस कदम के बाद उत्तर प्रदेश की जेलों में बंद विधायकों के लिए अब विधानसभा सत्र की कार्यवाही में शामिल होना आसान नहीं होगा. सूबे की योगी सरकार ट्रायल कोर्ट में माननीयों को सदन की कार्यवाही में शामिल होने की अनुमति दिए जाने का विरोध करने जा रही है.
विधानसभा सदन में नहीं आ सकेंगे ये विधायक
मऊ के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी वर्तमान में बांदा जेल में, सपा विधायक हरिओम यादव फिरोजाबाद जेल में और एमएलसी बृजेश सिंह वाराणसी जेल में बंद है. सरकार के इस कदम से माना जा रहा कि ये माननीय सदन की कार्यवाही में भाग नहीं ले सकेंगे. हाल ही में राज्यसभा के चुनाव में मुख्तार अंसारी और हरिओम यादव को वोट डालने की अनुमति नहीं दी गई थी.
गृह सचिव ने जारी किया शासनादेश
यूपी के प्रमुख सचिव गृह अरविन्द कुमार ने इस संबंध में शासनादेश जारी करते हुए कहा कि सरकार की ओर से ट्रायल कोर्ट में अभियोजन अधिकारी विधायकों के सत्र में आने का विरोध करेंगे. शासनादेश में के. आनंदन नाम्बियार बनाम मुख्य सचिव गवर्नमेंट ऑफ मद्रास के मामले में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के फैसले का हवाला दिया गया है.इसके अलावा बसपा के पूर्व विधायक शेखर तिवारी के मामले में हाईकोर्ट के फैसले का भी हवाला दिया है. दोनों ही फैसले में कहा गया है कि जो भी विधायक विचाराधीन बंदी हैं, उन्हें विधान मंडल सत्र में शामिल होने का विधिक अधिकार नहीं है.
प्रमुख सचिव गृह अरविन्द कुमार ने इस मामले में डीजी कारागार को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि जेल में बंद विधायकों को सदन में शामिल होने की अनुमति लेने के मामले में सभी जिलों के अभियोजन अधिकारी को अपने स्तर से निर्देश जारी करें. प्रदेश में कई विधानसभा सदस्य विभिन्न जांच एजेंसियों की जांच के घेरे में हैं और उन पर आपराधिक मुकदमे भी चल रहे हैं.