
योगी सरकार में समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं. पहले से ही जबरन जमीन कब्जाने के आरोप में मुकदमों का सामना कर रहे आजम पर सरकारी धन के दुरुपयोग का आरोप लगा है. जिलाधिकारी ने कांग्रेस के पूर्व नेता की शिकायत पर जांच स्टैंडिंग कमेटी को सौंप दी है.
पूर्व कांग्रेस नेता फैसल खान लाला ने जिलाधिकारी को दी गई शिकायत में आरोप लगाया है कि सांसद आजम खान ने सपा की सरकार में मंत्री पद पर रहते हुए अपने पद का दुरुपयोग कर सरकारी धन का निजी स्वार्थों के लिए इस्तेमाल किया. जिलाधिकारी ने फैसल खान की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए मामले की जांच स्टैंडिंग कमेटी को सौंपते हुए जल्द रिपोर्ट सौंपने को कहा है.
क्या हैं फैसल खान के आरोप
पूर्व कांग्रेस नेता फैसल खान लाला ने इस संबंध में बताया कि सपा शासनकाल में मंत्री रहते आजम ने पद का दुरुपयोग करते हुए अपने घर से जौहर यूनिवर्सिटी जाने के लिए कानून को ताक पर रखकर तहसील की बिल्डिंग से होकर गुजरने वाला फ्लाईओवर बनवाया. पांच किलोमीटर लंबे फ्लाईओवर के निर्माण पर लगभग 300 करोड़ से अधिक रकम खर्च की गई.
किसानों को नहीं दिया गया मुआवजा
उन्होंने आरोप लगाया कि फ्लाईओवर के निर्माण के लिए जिन किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया, उन्हें मुआवजा तक नहीं दिया गया. जिन्हें मुआवजा दिया भी गया, उन्हें नियमों के विपरीत मनमानी दर से मुआवजे का भुगतान किया गया. लाला ने कहा कि इसके विपरीत लालपुर के पुल का निर्माण जरूरी था. यहां से लगभग पांच लाख लोग प्रतिदिन जान हथेली पर रखकर लकड़ी के पुल से कोसी नदी पार करके जिला मुख्यालय आते-जाते हैं. इस पुल का निर्माण कराने की बजाय आजम ने अपने घर से जौहर यूनिवर्सिटी तक निजी स्वार्थवश फ्लाईओवर का निर्माण कराया.
'आजम समेत अधिकारियों पर भी हो कार्रवाई'
फैजल खान लाला ने आजम पर टैक्स के पैसे का गलत इस्तेमाल कर जनता को धोखा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके साथ ही काले कारनामों के सहभागी अधिकारियों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी ने मेरी शिकायत पर आजम पर लगे आरोपों की जांच के लिए नौ सदस्यीय जांच कमेटी को सौंपी है. जिलाधिकारी आंजनेय कुमार सिंह ने इस संबंध में कहा कि शिकायत मिली है. पहले भी यह बात उठी है.
मामला केवल लोकल नहीं- जिलाधिकारी
जिलाधिकारी ने कहा कि यह मामला केवल लोकल लेवल का नहीं है. यह शासन से अनुमोदन के बाद हुआ. उन्होंने कहा कि प्रारंभिक रूप से जांच की जिम्मेदारी पहले से सीडीओ के नेतृत्व में बनी स्टैंडिंग कमेटी को सौंपी गई है. स्टैंडिंग कमेटी की जांच रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी. जिलाधिकारी ने कार्रवाई के संबंध में कहा कि रिपोर्ट के आधार पर निर्णय शासन ही लेगा. जिलाधिकारी ने कहा कि गैर जरूरी, अनुपयोग कार्य और अधिकारियों की ओर से गलत रिपोर्ट लगाए जाने के आरोप लगे हैं. इनका तकनीकी अधिकारियों से परीक्षण कराया जाएगा.