Advertisement

अयोध्या में राम मंदिर से पहले योगी राज में रामलीला मैदानों के आएंगे 'अच्छे दिन'

अयोध्या में राम मंदिर कब बनेगा यह किसी को नहीं मालूम, लेकिन राज्य की योगी सरकार रामलीला मैदानों को नए सिरे से तैयार करने और उसका कायाकल्प करने की मुहिम में जुट गई है. इस संबंध में सरकारी पत्र भी जारी कर दिया गया है.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल/रॉयटर्स) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल/रॉयटर्स)
सुरेंद्र कुमार वर्मा/राहुल श्रीवास्तव
  • नई दिल्ली,
  • 28 नवंबर 2018,
  • अपडेटेड 10:51 AM IST

अयोध्या में विवाद सुलझने में कितना वक्त लगेगा, यह किसी को नहीं मालूम. लेकिन राज्य की योगी सरकार पूरे प्रदेश में 'राम भक्ति' का माहौल बनाए रखने के लिए लगातार मुहिम में जुटी हुई है और इसके लिए रामलीला मैदानों को नया रूप देने जा रही है.

यूपी सरकार ने राज्य के सभी रामलीला मैदान के पुनर्निर्माण और उसे नए सिरे से तैयार करने का आदेश दिया है. राज्य के संस्कृति विभाग ने 10 जिलों के जिलाधिकारियों को चिट्ठी जारी कर आदेश दिया है कि रामलीला मैदान की सुरक्षा बढ़ाई जाए और सुंदर बनाया जाए.

Advertisement

हालांकि यह राज्य सरकार की ओर से यह आदेश पिछले हफ्ते 22 नवंबर को गोरखपुर, लखनऊ, वाराणसी, अयोध्या, प्रयागराज (इलाहाबाद), चित्रकूट, बरेली, आगरा, फिरोजाबाद और सहारनपुर के जिला अधिकारियों को जारी किया गया था.

पत्र के जरिए कहा गया है कि ऐसे रामलीला मैदान की तुरंत पहचान की जाए जहां रामलीला कराई गई है.

इन रामलीला मैदानों के सुदृढ़ीकरण के तहत रामलीला मैदान की बाउंड्री का निर्माण और अन्य सुंदरीकरण कार्य कराया जाना है. साथ ही हर जिले में एक समिति गठित की जाएगी, जो जिले की सबसे पुराने और सबसे बड़े रामलीला मैदान की पहचान कर उसकी जानकारी सरकार को दी जाएगी.

साथ ही इन जिलाधिकारियों को राम लीला आयोजन समिति, राजस्व रिकॉर्ड, परम्पराओं और मान्यताओं के आधार पर रामलीला मैदानों और स्थलों की पहचान करनी है. ऐसे रामलीला मैदानों की 6 से 8 फीट ऊंची बाउंड्री कराई जाएगी. इसके अलावा विशेष रूप से प्रवेश द्वार बनाए जाएंगे, जिनके नाम अयोध्या, चित्रकूट, मिथिला, जनकपुर, पंचवटी आदि के नाम पर रखे जाएंगे. प्रवेश द्वार विशेष रूप से सजाए जाएंगे.

Advertisement

साथ ही ऐसे रामलीला मैदानों में रामलीला आयोजक समिति से सलाह-मशविरा के बाद सहमति बनने पर अयोध्या, लंका, चित्रकूट नाम से छोटे-छोटे मंच बनाए जा सकते हैं. इसके अलावा पेयजल और बिजली आपूर्ति के लिए ट्रांसफॉर्मर की व्यवस्था की जाएगी.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement