
गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर मामले में सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई. इस दौरान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) एसए बोबडे ने कहा कि हम यूपी सरकार की ओर से बनाई गई न्यायिक जांच कमेटी में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस और एक रिटायर्ड पुलिस अफसर को जोड़ना चाहते हैं.
इस पर यूपी के डीजीपी की ओर से दलील रख रहे हरीश साल्वे ने कहा कि यह एनकाउंटर तेलंगाना मुठभेड़ से कई मामलों में अलग है. यहां तक कि पुलिसकर्मियों का भी मौलिक अधिकार है. क्या पुलिस पर अत्यधिक बल का आरोप लगाया जा सकता है जब वह एक खूंखार अपराधी के साथ लाइव मुठभेड़ में लगी हो? विकास दुबे ने पुलिसकर्मियों का बेरहमी से कत्ल किया था.
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हरीश साल्वे ने कहा कि यह पुलिस बल का मनोबल गिरा सकता है. इस पर सीजेआई एसए बोबडे ने कहा कि मैं इस तर्क से सहमत नहीं हूं कि पुलिसवालों का मनोबल गिर सकता है. कानून का नियम पुलिस बल का मनोबल नहीं गिरा सकता. इस पर हरीश साल्वे ने कहा कि मैं केवल इस मुद्दे को देखने के लिए एक समिति नियुक्त करने के संदर्भ में कह रहा हूं.
विकास दुबे मामले में यूपी सरकार पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाए. सीजेआई एसए बोबडे ने कहा कि हम इस बात से हैरान हैं कि इतने गंभीर मामलों में आरोपी व्यक्ति पैरोल पर रिहा हो गया और उसने आखिरकार फिर वही सब किया. हमें सभी आदेशों की एक सटीक रिपोर्ट दें. यह सिस्टम की विफलता को दर्शाता है.
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सुप्रीम कोर्ट ने विकास दुबे को जमानत संबंधी सारे आदेश और रिपोर्ट तलब की. साथ ही कहा कि एनकाउंटर की जांच अब सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में गठित कमेटी करेगी. इसके लिए यूपी सरकार एक जांच कमेटी बनाएगी. यूपी सरकार ने कहा कि हम जांच कमेटी में रिटायर्ड सुप्रीम कोर्ट जज और रिटायर्ड डीजीपी को शामिल करेंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नई जांच कमेटी का यूपी सरकार नोटिफिकेशन जारी करे और इसकी विस्तृत रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश किया जाए. इसके बाद हम आदेश जारी करेंगे. इस मामले की सुनवाई अब बुधवार को होगी.