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उत्तराखंड में कांग्रेस और बीजेपी में तकरार जारी है. राज्य कांग्रेस के अध्यक्ष किशोर उपाध्यय ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के सात विधायकों को पार्टी के खिलाफ भड़काने की कोशिश की गई थी.
उन्होंने कहा कि बीजेपी नेताओं ने सात कांग्रेस विधायकों से मिलकर उन्हें अपनी ओर शामिल करने की कोशिश की और 50 करोड़ रुपये देने का लालच भी दिया. यही नहीं, बीजेपी ने विधायकों को अयोग्य घोषित होने पर राज्यसभा में भेजने और उनके करीबियों को विधानसभा का टिकट देने का भी वादा किया था.
'कैलाश विजयवर्गीय ने रची थी साजिश'
उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि राज्य के राजनीतिक घटनाक्रम की साजिश उन्होंने ही रची थी. उन्होंने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए मसूरी आए थे, लेकिन उनके आने का मकसद राजनीतिक मुद्दा भी था.
हरीश रावत ने की थी मांग
इन आरोपों से राज्य की राजनीति में एक बार फिर उबाल आ गया है. हरीश रावत ने पहले ही आरोप लगाया था कि कांग्रेस विधायकों को तोड़ने की कोशिश की जा रही है. यही नहीं, उन्होंने राज्यपाल से विधायकों की सुरक्षा बढ़ाने की मांग भी की थी.
सतपाल महाराज के करीबी विधायकों ने लगाए आरोप
कांग्रेस के दो विधायक राजेंद्र भंडारी और जीत राम खुलकर इस मामले में सामने आए हैं और आरोप लगाए हैं. सूत्रों के मुताबिक, ये दोनों विधायक पूर्व कांग्रेसी और वर्तमान बीजेपी नेता सतपाल महराज के करीबी हैं. गौर करने वाली बात ये है कि उत्तराखंड में जिन 9 विधायकों को अयोग्य घोषित किया गया है उनमें सतपाल महाराज की पत्नी भी शामिल है.
बीजेपी ने खारिज किया इल्जाम
उधर, बीजेपी ने कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है. पार्टी ने कहा कि कांग्रेस असल मुद्दे से लोगों का ध्यान भटकाना चाहती है. राज्य में पार्टी के पास बहुमत नहीं है.