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उत्तराखंड: हरीश रावत के खिलाफ कांग्रेस में बगावत, BJP ने सरकार बनाने का दावा पेश किया

उत्तराखंड में हरीश रावत की सरकार फिर से खतरे में हैं. शुक्रवार शाम को फाइनेंस बिल पेश होने के दौरान विधानसभा में हंगामे और उसके बाद दो मंत्रियों के बीच बहस के बाद कांग्रेस विधायकों के दो गुट बन गए हैं.

हरीश रावत की सरकार खतरे में हरीश रावत की सरकार खतरे में
संदीप कुमार सिंह
  • देहरादून,
  • 18 मार्च 2016,
  • अपडेटेड 8:50 AM IST

उत्तराखंड में हरीश रावत की सरकार फिर से खतरे में हैं. बीजेपी के विधायकों ने शुक्रवार शाम को राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया. इससे पहले आज तक के साथ फोन पर बातचीत में कांग्रेस के बागी विधायकों के नेता हरक सिंह रावत ने कहा कि वे बीजेपी विधायकों के साथ राज्यपाल से मिलने जा रहे हैं.

बाद में हरक सिंह रावत ने हरीश रावत मंत्रिमंडल से अपना इस्तीफा भी दे दिया. 70 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 36 विधायक हैं जिनमें से 11 के बगावत की बात कही जा रही है, जबकि बसपा के भी एक विधायक ने विरोध दर्ज कराया है. बीजेपी के 28 विधायक हैं.

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वहीं, राज्य के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने 'आज तक' से कहा कि उनके लिए पहले उत्तराखंड का हित है फिर कुछ और. वह किसी के दबाव में झुकेंगे नहीं. हरीश रावत ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि उनकी सरकार को अस्थिर करने के लिए बीजेपी पानी की तरह पैसा बहा रही है. उन्होंने कहा कि जहां तक बहुमत की बात है तो पहले मेरी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाए. रावत ने दावा किया कि बीजेपी के 5 विधायक हमारे संपर्क में हैं.

दूसरी ओर बीजेपी ने हरीश रावत का इस्तीफा मांगा है. बीजेपी नेता रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि रावत सरकार अल्पमत में आ गई है और मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए. बीजेपी ने अपने समर्थन में 35 विधायकों की देर रात राज्यपाल के सामने परेड भी कराई.

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बीजेपी ने नेता श्याम जाजू ने कहा कि राज्यपाल के पास गाए 35 विधायकों में 26 बीजेपी के और 9 कांग्रेस के हैं.

विधानसभा में और बाहर हाईवोल्टेड ड्रामा
शुक्रवार शाम को फाइनेंस बिल पेश होने के दौरान विधानसभा में हंगामे और उसके बाद दो मंत्रियों के बीच बहस के बाद कांग्रेस विधायकों के दो गुट बन गए हैं. इन दोनों गुटों में शुक्रवार शाम धक्का-मुक्की भी हुई.


देहरादून में दिनभर के सियासी ड्रामे के बाद देर शाम विधानसभा में जोरदार हंगामा हुआ. कांग्रेस के 11 विधायक सरकार के खिलाफ खड़े दिखे. सदन और बाहर नेताओं ने जमकर हंगामा किया. बीजेपी ने वित्त विधेयक पर मत विभाजन की मांग की, जिसे विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने नकार दिया. इसके बाद बीजेपी नेताओं ने जमकर हंगामा काटा और कांग्रेस के कई विधायक भी इस मामले में सरकार के खिलाफ खड़े हो गए.

हरक सिंह रावत की अगुवाई में बगावत
जिन विधायकों को हरीश रावत सरकार के खिलाफ माना जा रहा है उनमें हरक सिंह रावत, बिजय बहुगुणा, सुबोध उनीयाल, अमृता रावत, शैला रानी रावत, प्रदीप बत्रा, कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन, शैलेंद्र मोहन सिंघल, उमेश शर्मा काव और दो अन्य विधायकों के नाम सामने आ रहे हैं.

विधानसभा 28 मार्च तक स्थगित
हंगामे के बीच उत्तराखंड विधानसभा को 28 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया है. बता दें कि इन दिनों उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र चल रहा था.

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बीजेपी की मामले पर पूरी नजर
हंगामे के बाद बीजेपी विधायक देर शाम राज्यपाल केके पॉल से मिलने पहुंचे. भाजपा राज्य में हो रहे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा को उत्तराखंड के राजनीतिक मामले को देखने का जिम्मा सौंपा है.

संकट खत्म होने का किया था दावा
इससे पहले शुक्रवार को दोपहर में उत्तराखंड सरकार पर मंडरा रहा संकट खत्म होने का दावा किया गया था. खबरें आ रहीं थी कि बागी गुट (हरक सिंह रावत) के 13 विधायकों को हरीश रावत ने मना लिया है. यही नहीं हरक सिंह को मनपसंद सीट से चुनाव लड़ने की पेशकश कर दी गई है. इसके अलावा पूर्व सीएम विजय बहुगुणा को राज्यसभा भेजने का रास्ता भी साफ हो गया है.

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