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मानसून के बाद पटरी पर लौटी चारधाम यात्रा, 12 सितंबर से हेली सेवा शुरू

इस बीच उत्तराखंड सरकार के सूचना विभाग ने जानकारी दी है कि कि पर्यटन विभाग के तमाम एन्क्वायरी नंबरों पर देश भर से तीर्थयात्रियों के फोन आ रहे हैं. आमतौर पर लोग यात्रा के प्रबंध और सरकारी व्यवस्थाओं से जुड़े सवाल पूछते हैं. लेकिन, फिलहाल यात्रा मार्ग कहां तक खुले हैं? सड़कों की हालत क्या है? ठहरने की व्यवस्था क्या है? इस तरह के सवाल फोन पर पूछे जा रहे हैं?

राज्य के लिए आय का बड़ा स्रोत है चारधाम यात्रा राज्य के लिए आय का बड़ा स्रोत है चारधाम यात्रा
अंजलि कर्मकार/विवेक शुक्ला
  • देहरादून,
  • 03 सितंबर 2016,
  • अपडेटेड 11:34 PM IST

उत्तराखंड में मानसून के रुकने के बाद एक बार फिर से चारधाम यात्रा पटरी पर लौटने के लिए तैयार है. सरकार इसके लिए 12 सितंबर से हेलीकॉप्टर सेवा फिर से शुरू करने जा रही है. ये सेवा केदार दर्शन के लिए है. मानसून में तेज बारिश के मद्देनजर ये सेवा रोक दी गई थी. गंगोत्री, यमुनोत्री, केदार और बद्री दर्शन की चारधाम यात्रा इस साल 7 मई को शुरू हुई थी.

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देश भर से आ रहे हैं उत्साही यात्रियों के फोन
इस बीच उत्तराखंड सरकार के सूचना विभाग ने जानकारी दी है कि कि पर्यटन विभाग के तमाम एन्क्वायरी नंबरों पर देश भर से तीर्थयात्रियों के फोन आ रहे हैं. आमतौर पर लोग यात्रा के प्रबंध और सरकारी व्यवस्थाओं से जुड़े सवाल पूछते हैं. लेकिन, फिलहाल यात्रा मार्ग कहां तक खुले हैं? सड़कों की हालत क्या है? ठहरने की व्यवस्था क्या है? इस तरह के सवाल फोन पर पूछे जा रहे हैं?

राज्य के लिए आय का बड़ा स्रोत है चारधाम यात्रा
आपको बता दें कि मानसून के मद्देनजर जुलाई से ही चारधाम यात्रा तकरीबन बंद पड़ी हुई है. पर्यटन राज्य के साथ-साथ स्थानीय लोगों की आय का प्रमुख स्रोत है. यात्रा गर्मियों में शुरू होती है और कुछ ही महीनों में बारिश के शुरू होते ही इस पर लगाम लग जाता है. दूसरी तरफ गिरते हुए पहाड़ों, मलबे और पानी की तस्वीरें लोगों को पहाड़ों से डरा देती हैं, लेकिन बीते कुछ सालों में लगातार लोगों के अंदर यात्रा को लेकर भरोसा बढ़ा है. इस साल 30 जून तक बड़ी संख्या में यात्रियों ने चारधाम की यात्रा की.

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मौसम विभाग की हरी झंडी
इधर, दिल्ली के मौसम विभाग ने भी यात्राओं को फिलहाल हरी झंडी दे दी है. अव्वल तो 15 सितंबर तक बारिश के आसार नहीं हैं. उसके बाद बारिश का एकाध स्पेल जरूर आ सकता है. मोटे तौर पर अब ठंड आने से पहले तक यात्राएं मौसम की रुकावट के बिना चल सकती हैं.

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