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उत्तरांखड: सीएम त्रिवेंद्र रवात ने जमीन घोटाला उजागर किया, 6 अफसर सस्पेंड

उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व वाली नई सरकार ने प्रदेश में सैकड़ों करोड़ के भूमि अधिग्रहण घोटाले के खुलासे का दावा किया है. रावत सरकार का कहना है कि राष्ट्रीय राजमार्ग-74 बनाने के लिए भूमि अधिग्रहण में करोड़ों रुपये का घोटाला हुआ. राज्य सरकार ने इस मामले की सीबीआई जांच के लिए केंद्र सरकार को लिखा है, जबकि छह वरिष्ठ अधिकारियों को घोटाले में उनकी संदिग्ध भूमिका के चलते सस्पेंड कर दिया गया है.

सीएम त्रिवेंद रावत ने मामले की CBI जांच के लिए केंद्र सरकार को लिखा है सीएम त्रिवेंद रावत ने मामले की CBI जांच के लिए केंद्र सरकार को लिखा है
साद बिन उमर
  • देहरादून,
  • 26 मार्च 2017,
  • अपडेटेड 9:18 AM IST

उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व वाली नई सरकार ने प्रदेश में सैकड़ों करोड़ के भूमि अधिग्रहण घोटाले के खुलासे का दावा किया है. रावत सरकार का कहना है कि राष्ट्रीय राजमार्ग-74 बनाने के लिए भूमि अधिग्रहण में करोड़ों रुपये का घोटाला हुआ. राज्य सरकार ने इस मामले की सीबीआई जांच के लिए केंद्र सरकार को लिखा है, जबकि छह वरिष्ठ अधिकारियों को घोटाले में उनकी संदिग्ध भूमिका के चलते सस्पेंड कर दिया गया है.

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जमीन अधिग्रहण में 20 गुना फायदा कमाया
मुख्यमंत्री रावत ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, उधम सिंह नगर जिले में 2011-2016 के बीच प्रस्तावित एनएच-74 के लिए खेती लायक जमीन के अधिग्रहण में 240 करोड़ रुपये मूल्य की गड़बड़ियां सामने आई हैं. चुनिंदा लोगों और लाभार्थियों को फायदा पहुंचाने के मकसद से खेती की जमीन को गैरकृषि भूमि दिखाकर मुआवजे की रकम पर 20 गुना ज्यादा फायदा कमाया गया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि सवालों के घेरे में आई ज्यादातर जमीन उधमसिंह नगर जिले के जसपुर, काशीपुर, बाजपुर और सितारगंज में स्थित है. उन्होंने कहा कि इस तरह से होने वाले हेर-फेर की रकम का आंकड़ा और बढ़ेगा, क्योंकि अभी सिर्फ 18 मामलों की जांच की गई है, जबकि कई और मामलों की जांच बाकी है.

रावत बोले-बख्शे नहीं जाएंगे दोषी
इस जमीन अधिग्रहण को बड़ा घोटाला बताते हुए रावत ने कहा कि उन्होंने इस अनियमितता की सीबीआई जांच के लिए अपनी सिफारिश केंद्र को भेज दी है. यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें इसके पीछे किसी राजनीतिक दल का हाथ लगता है, मुख्यमंत्री ने कहा कि यह जांच का विषय है और कुछ भी कहना अभी बेहद जल्दबाजी होगा. हालांकि उन्होंने कहा कि जो भी दोषी पाया जाएगा, फिर चाहे वह राजनीतिक रूप से कितना ही शक्तिशाली क्यों न हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा.

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ये छह अधिकारी सस्पेंड, एक पर कानून की गाज
रावत ने साथ ही कहा कि छह अधिकारियों को घोटाले में उनकी कथित भूमिका के लिए निलंबित किया गया है, जबकि सातवें अधिकारी जो रिटायर हो चुका है, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन अधिकारियों को निलंबित किया गया है, उनमें विशेष भूमि अधिग्रहण अधिकारी दिनेश प्रताप सिंह और अनिल कुमार शुक्ला के अलावा उप जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह जंगपंगी, जगदीश लाल, भगत सिंह फोनिया और एनएस नांग्याल शामिल हैं. रावत ने कहा कि एक अन्य उप जिलाधिकारी हिमालय सिंह मारतोलिया के भी इस घोटाले में शामिल होने की आशंका है, लेकिन उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करनी होगी, क्योंकि वह सेवानिवृत्त हो चुके हैं.

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