
उत्तराखंड में सियासी घटनाक्रम तेजी से बदल रहा है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विधानसभा के स्पीकर ने कांग्रेस के 9 बागी विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया है. सीएम हरीश रावत ने स्पीकर से इसकी सिफारिश की थी.
हालांकि, उत्तराखंड सरकार में मंत्री इंदिरा हृद्येश ने बागी विधायकों के निलंबन की खबर को अफवाह बताया है और कहा है कि इनके मामले पर अभी कोई फैसला नहीं आया है. शनिवार शाम को इन विधायकों ने दलबदल कानून के तहत स्पीकर के नोटिस पर अपना जवाब पेश किया था. स्पीकर के इस फैसले का मतलब ये है कि अब ये 9 बागी विधायक बहुमत परीक्षण में वोट नहीं डाल सकेंगे. 28 को हरीश रावत सरकार को विधानसभा में अपना बहुमत साबित करना है.
दिल्ली पहुंची सियासी लड़ाई
उधर, उत्तराखंड का सियासी संग्राम दिल्ली तक पहुंच गया है. बीजेपी जहां राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर रही है वहीं कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि केंद्र की बीजेपी सरकार राज्य की कांग्रेस सरकार को गिराने की कोशिश कर रही है. उधर, कांग्रेस के बागी विधायकों ने भी रावत सरकार से दो-दो हाथ करने का मन बना लिया है. बागी विधायक और पूर्व सीएम विजय बहुगुणा ने विधानसभा स्पीकर पर एकतरफा फैसले लेने का आरोप लगाया है. एक और बागी विधायक सुबोध उनियाल शनिवार को देहरादून पहुंचे और हरीश रावत सरकार पर जमकर हमला बोला.
गवर्नर ने भेजी रिपोर्ट, केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक
इस बीच, राज्यपाल के. के. पॉल ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को उत्तराखंड की सियासी स्थिति पर रिपोर्ट भेजी है. शनिवार शाम को प्रधानमंत्री ने केंद्रीय मंत्रिमंडल की आपात बैठक बुलाई. सूत्रों के मुताबिक बैठक में उत्तराखंड के सियासी हालात पर चर्चा तो हुई लेकिन कोई फैसला अभी नहीं हुआ. उत्तराखंड के मामले को लेकर रविवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की फिर से बैठक हो सकती है.
कांग्रेस का मोदी सरकार पर आरोप
दूसरी ओर, कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि केंद्र में बीजेपी की सरकार उत्तराखंड की कांग्रेस सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाने की साजिश कर रही है. पार्टी की उत्तराखंड प्रभारी अंबिका सोनी ने कहा कि मोदी सरकार राष्ट्रपति शासन के जरिए प्रदेश की सत्ता पर कब्जा करना चाहती है.
राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग
शनिवार शाम को बीजेपी के नेता राष्ट्रपति से मिले और उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की. बीजेपी ने स्टिंग ऑपरेशन का हवाला देते हुए कहा कि उत्तराखंड में कांग्रेस के सीएम विधायकों की खरीद-फरोख्त कर रहे हैं इसलिए राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए. बीजेपी ने आरोप लगाया है कि स्पीकर की मिलीभगत से हरीश रावत सरकार चला रहे हैं और उन्हें तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए.
शनिवार शाम को कांग्रेस के इन सभी 9 बागी विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को अपना जवाब सौंपा. नरेंद्र नगर से विधायक सुबोध उनियाल ने अपना जवाब दाखिल किया. इसके अलावा बाकी 8 विधायकों के जवाब उनके प्रतिनिधि द्वारा दाखिल किए गए.
बागी विधायकों को कोर्ट से नहीं मिली थी राहत
स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल ने दल-बदल कानून के तहत दिए नोटिस पर शनिवार शाम तक जवाब मांगा था. इस नोटिस को रुकवाने के लिए बागी विधायक हाईकोर्ट भी गए थे लेकिन कोर्ट ने उसकी याचिका खारिज कर दी थी.
राहुल गांधी के पास समय नहीं: बहुगुणा
विजय बहुगुणा ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर भी हमला बोला और कहा कि उत्तराखंड में मुख्यमंत्री हरीश रावत सारी गड़बड़ियों की जड़ हैं लेकिन दिल्ली में उनकी बातें नहीं सुनी गई. तब जाकर वे बगावत पर उतरे हैं. बहुगुणा ने कहा कि राहुल गांधी के पास हमसे मिलने का समय नहीं है. पिछले दो साल से उनके जैसे विधायक राहुल गांधी से मिलने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन इसमें सफल नहीं हो पाए हैं.
रद्द हो गई थी बागियों की याचिका
इससे पहले बागी विधायकों की ओर से स्पीकर के नोटिस के खिलाफ नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. शुक्रवार को इसे रद्द कर दिया गया था. स्पीकर की ओर से मामले की पैरवी के कपिल सिब्बल पहुंचे थे. बागियों विधायकों के एक नेता विजय बहुगुणा ने कहा कि 36 विधायक हरीश रावत के खिलाफ हैं. इनमें बीजेपी के 27 और कांग्रेस के 9 विधायक शामिल हैं.
हरीश रावत ने स्टिंग पर दी सफाई
इस बीच बागियों ने मुख्यमंत्री हरीश रावत का एक स्टिंग ऑपरेशन सामने लाकर उन पर विधायकों को लालच देने और दूसरे दलों से भी विधायकों को तोड़ने की कोशिश का आरोप लगाया है. सीएम हरीश रावत ने प्रेस कांफ्रेस कर इसे झूठा बताया. साथ ही उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के होने की बात कही.
बागी विधायकों ने मांगी जान की सुरक्षा
बागी विधायकों के नेता हरक सिंह रावत ने केंद्र सरकार से सभी नौ विधायकों के लिए सुरक्षा की मांग की है. उन्होंने बताया है कि राज्य में हालात काफी खतरनाक हो गए हैं और उन सबकी जान को खतरा है. उन्होंने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की.