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सुप्रीम कोर्ट के सहारे एक बार फिर हरीश रावत उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बन गए. दोपहर 12 बजे सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस शिव कीर्ति सिंह की बेंच के सामने मामले की सुनवाई शुरू हुई.
उत्तराखंड से आये अधिकारियों ने सील बंद लिफाफे बेंच को सौंपे. लिफाफे खुल पाते इससे पहले ही अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने केंद्र की तरफ से कहा की हमारी जानकारी के मुताबिक हरीश रावत शक्ति परीक्षण में विजयी हुए हैं और केंद्र उत्तराखंड से राष्ट्रपति शासन हटा रहा है इसलिए हरीश रावत फिर से मुख्यमंत्री बन सकते हैं. इस मामले की सुनवाई के दौरान और दिनों में काफी आक्रामक तरीके से बहस करने वाले अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी आज काफी काफी नरम दिखे.
इसके बाद कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट के परिणाम वाले लिफाफे खोले और उत्तराखंड से राष्ट्रपति शासन हटाने के आदेश के साथ ही फ्लोर टेस्ट में हरीश रावत को आधिकारिक तौर पर विजयी घोषित किया. कोर्ट ने कहा" कुल 61 वोटों में से प्रतिवादी नंबर 1 हरीश रावत के समर्थन में 33 वोट निकले और विपक्ष में 28 वोट निकले हैं. हरीश रावत मुख्यमंत्री पद सम्हाल सकते हैं". उत्तराखंड के स्पीकर गोविन्द सिंह कुंजवाल का भी वोट अलग सीलबंद लिफाफे में था जिसकी गिनती इसमें नहीं की गयी.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है की वो राष्ट्रपति शासन हटाने के फैसले की कॉपी शुक्रवार से पहले कोर्ट में जमा करेगी. शुक्रवार को इस मामले में अगली सुनवाई होगी.
दूसरी तरफ, उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने के फैसले और 9 विधायकों को बर्खास्त करने के उत्तराखंड विधान सभा स्पीकर के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करता रहेगा. इस मामले की अगली सुनवाई 12 जुलाई को होगी.